Monday, February 3

आज 21 अक्टूबर को नवरात्रि का पांचवां दिन है. आज भक्त मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना करेंगे.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी स्कंदमाता की कृपा से ही कालिदास द्वारा रचित रघुवंशम महाकाव्य और मेघदूत जैसी रचनाएं हुई हैं. मां स्कन्दमाता को वैसे तो जौ-बाजरे का भोग लगाया जाता है, लेकिन शारीरिक कष्टों के निवारण के लिए माता को केले का भी भोग लगाया जाता है. 

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः द्वितीय (शुद्ध) आश्विनी मास, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः पंचमी प्रातः 09.08 तक है, 

वारः बुधवार, 

नक्षत्रः मूल रात्रि 01.13 तक, 

योगः शोभन सांय 06.49 तक, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः तुला, 

चंद्र राशिः धनु, 

राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.29, 

सूर्यास्तः 05.41 बजे।

नोटः आज सरस्वती आवाहन है।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।