पंचायती ज़मीनों के ठेके की रकम नीलामी होने के पाँच दिनों के अंदर-अंदर पंचायत के खाते में जमा करनी यकीनी बनाई जाये – तृप्त बाजवा


लापरवाही करने वाले मुलाजि़म /अधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी


राकेश शाह, चंडीगढ़, 13 जून:


            पंचायती ज़मीनों को ठेके पर देने के लिए की जा रही नीलामियों के काम में मुकम्मल पारदर्शिता लाने के लिए पंजाब के ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा ने विभाग के अधिकारियों को यह यकीनी बनाने के लिए कहा है कि नीलामी होने के पाँच दिनों के अंदर अंदर ठेके की रकम पंचायत के खाते में जमा हो जानी चाहिए। उन्होंने इस सम्बन्धी आज विभाग के अधिकारियों को सख्त हिदायतें देते हुये कहा है कि ठेके की रकम निर्धारित समय में पंचायत के खाते में जमा न होने की सूरत में सम्बन्धित पंचायत सचिव के साथ-साथ वहाँ का ब्लॉक विकास और पंचायत अफ़सर जिम्मेदार होगा।


            बाजवा ने कहा कि उनको कई स्थानों से यह जानकारी मिली है कि शामलाट ज़मीनों के ठेके की रकम लम्बा समय तक पंचायतों के खातों में जमा नहीं करवाई जाती। उन्होंने कहा कि समय पर पंचायतों के खातों में ठेके की रकम जमा न होने से जहाँ गाँवों के विकास कार्य प्रभावित होते हैं वहीं मुलाजिमों को समय पर वेतन देने में भी दिक्कत आती है।


            पंचायत मंत्री ने कहा है कि वह अगले सप्ताह होने वाली उच्च अधिकारियों की मीटिंग में इस मामले की समीक्षा करेंगे। उन्होंने विभाग के उच्च अधिकारियों को अब तक हुई बोलियों और जमा हुई रकमों की मुकम्मल रिपोर्ट अगले सप्ताह होने वाली मीटिंग में पेश करने के लिए कहा है। पंचायत मंत्री ने कहा है कि इस मामले में लापरवाही करने वाले मुलाजि़म और अधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।


            इसी दौरान विभाग के वित्तीय कमिशनर सीमा जैन ने कहा है कि विभाग की तरफ से इस साल भेजे गए दिशा-निर्देशों में स्पष्ट कहा गया है कि पंचायती ज़मीन की बोली की रकम बोलीकार को तीन दिनों के अंदर अंदर पंचायत के पास जमा करवानी लाजि़मी है। उन्होंने कहा कि हर पंचायत के लिए यह लाजि़मी है कि वह 24 घंटों के अंदर अंदर बोली की रकम अपने बैंक खाते में जमा कराएं। उन्होंने कहा कि विभाग की इन हिदायतों की यथावत पालना करवाई जायेगी। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि यह लेखा कार्यवाही ऑनलाइन ई-पंचायत प्रोजैक्ट के द्वारा ही की जायेगी और सभी खाते डैशबोर्ड पर दिखाई देंगे। उन्होंने साथ ही बताया कि ऐसा विभाग के वित्तीय कामकाज को और पारदर्शी और सुचारू बनाने के मकसद से किया जा रहा है।

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