प्रोजेक्ट डेयरी शिफ्टिंग पर सरकार आर पार के मूड में
डेयरी शिफ्टिंग प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए नगर निगम डेयरी प्लाटों के नियमो व शर्तों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एक्शन मोड में, तीन दिन का दिया समय, नहीं तो की जाएगी आवश्यक कार्रवाई- उपायुक्त निशांत कुमार यादव।
मनोज त्यागी, करनाल – 9 जून:
शहर से डेयरियों को बाहर स्थानांतरित करने के लिए पिंगली स्थित डेयरी कॉम्पलैक्स में नगर निगम द्वारा प्लाटों की अलॉटमेंट प्रक्रिया शुरू करने के बाद भी कुछ डेयरी संचालकों ने अभी तक 20 प्रतिशत राशि नगर निगम में जमा नहीं करवाई है, जो अलॉटमेंट की शर्तों की उल्लंघना है। इसके चलते अब नगर निगम की ओर से ऐसे डेयरी मालिकों को आगाह किया जा रहा है कि वे तीन दिन के अंदर-अंदर 20 प्रतिशत राशि नगर निगम कार्यालय में जमा करवाएं, अन्यथा उनकी 30 हजार रूपये की अग्रिम राशि को जमा करके प्लॉट की अलॉटमेंट रदद कर दी जाएगी। यही नहीं उनकी डेयरियों को बंद करवाने की आगामी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
उपायुक्त एवं नगर निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव ने इस सम्बंध में बताया कि इसी प्रकार जिन डेयरी मालिकों द्वारा अभी तक डेयरी प्लॉट की अलॉटमेंट के लिए अग्रिम राशि के साथ आवेदन पत्र नहीं दिए हैं, उन्हें भी तीन दिन का समय देकर एक ओर अवसर प्रदान किया गया है। इसमें कहा गया है कि तीन दिन की अवधि में 30 हजार रूपये की अग्रिम राशि आवेदन के साथ नगर निगम कार्यालय में प्रस्तुत करें, ताकि उनके प्लॉट की अलॉटमेंट की जा सके। ऐसा ना करने वाले डेयरी संचालकों की डेयरी, नगर निगम, संचालकों के हर्जे-खर्चे पर बंद करवाने की कार्रवाई अमल में लाएगा।
आयुक्त ने आगे कहा है कि उपरोक्त के अतिरिक्त शहर के कुछ डेयरी मालिकों द्वारा हल्फिया ब्यान सहित नगर निगम को प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि वह डेयरी चलाना नहीं चाहते और दो माह के अंदर-अंदर अपनी डेयरी को बंद कर देंगे। ऐसे डेयरी मालिको से भी नगर निगम की ओर से अनुरोध किया गया है कि यदि उन द्वारा अभी तक अपनी डेयरी को बंद नहीं किया गया, तो वह भी तीन दिन के अंदर-अंदर अपनी डेयरी बंद करके नगर निगम कार्यालय को सूचित करें, अन्यथा उनकी डेयरियों को उन्हीं के हर्जे-खर्चे पर नगर निगम बंद करवाएगा।
डेयरी संचालकों से जुड़ी इस महत्वपूर्ण सूचना को लेकर उपायुक्त ने कहा है कि शहर में वर्षों से चली आ रही डेयरियां शहर को स्वच्छ बनाए रखने में एक बड़ी बाधा बनी हुई है। पशुओं के गोबर से जहां एक ओर गंदगी फैलती है, वहां नालियों में बहकर गोबर सीवरेज को चौक कर देता है और फिर नागरिकों को उसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। वैसे भी स्मार्ट सिटी करनाल के लिए डेयरी शिफ्टिंग का प्रोजेक्ट हर हाल में अपने मुकाम तक पहुंचाया जाना है। इसलिए सभी डेयरी संचालकों को नगर निगम का सहयोग करते हुए डेयरी प्रोजेक्ट के नियमो और शर्तों को मानते हुए आवेदन से लेकर अग्रिम राशि, 20 प्रतिशत राशि और शेष राशि को नगर निगम कार्यालय में जमा करवाना चाहिए।
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