संतों की हत्या पर कॉंग्रेस की चुप्पी उजागर क्या की की अर्नब पर टूट पड़े कांग्रेसी और दरबारी पत्रकार
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी माँग की है कि अर्नब गोस्वामी पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने सांसद राजीव चंद्रशेखर से अर्नब को बर्खास्त करने की माँग की। चंद्रशेखर ने उन्हें करारा जवाब देते हुए कहा कि अर्नब को कोई नहीं निकाल सकता, उन्होंने ये सब अपनी मेहनत से ख़ुद पाया है और ‘रिपब्लिक’ के ओनर वही हैं।
कॉन्ग्रेस नेता ‘रिपब्लिक टीवी’ के संस्थापक-संपादक अर्नब गोस्वामी के पीछे हाथ धो के पड़ गए हैं। उन्होंने महाराष्ट्र स्थित पालघर में साधुओं की भीड़ द्वारा निर्मम हत्या को लेकर सवाल क्या पूछ दिया, कॉन्ग्रेस के दरबारी नेताओं का गैंग उनके पीछे ही पिल पड़ा। उनके ख़िलाफ़ पार्टी ने एफआईआर तक दर्ज कराने का निर्णय लिया। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने तो एक वीडियो क्लिप शेयर कर के पूर्व प्रधानमंत्री द्वय इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी की हत्या की बात उठाई। हालाँकि, ऐसा उन्होंने क्या किया, ये समझ से परे है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी माँग की है कि अर्नब गोस्वामी पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने सांसद राजीव चंद्रशेखर से अर्नब को बर्खास्त करने की माँग की। चंद्रशेखर ने उन्हें करारा जवाब देते हुए कहा कि अर्नब को कोई नहीं निकाल सकता, उन्होंने ये सब अपनी मेहनत से ख़ुद पाया है और ‘रिपब्लिक’ के ओनर वही हैं।
लॉकडाउन में खाली बैठे कॉन्ग्रेस समर्थकों ने भी अर्नब गोस्वामी पर निशाना साधने में अपना समय खपाया और कॉन्ग्रेस आलाकमान को ख़ुश करने के लिए तरह-तरह के तिकड़म आजमाते नज़र आए। कॉन्ग्रेस की सोशल मीडिया सेल में कार्यरत गौरव पांडी ने अर्नब गोस्वामी पर पालघर में साधुओं की हत्या को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया। उन्होंने एक वीडियो बना कर उन पर निशाना साधा।
यूथ कॉन्ग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल ने अपनी पार्टी की अध्यक्ष को ‘महान’ बताने के लिए उनके एक बयान को आधार बनाया। सोनिया गाँधी ने कहा था कि वो इसी देश में अपनी अंतिम साँस लेगी और यूथ कॉन्ग्रेस ने इस बयान को चलाते हुए अर्नब को आड़े हाथों लिया। पार्टी ने लिखा कि आज कॉन्ग्रेस का नायकत्व, अदम्य साहस, इच्छाशक्ति और त्याग से परिपूर्ण देशभक्त के पास है, जो एक गर्व की बात है।
दरबारी पत्रकारों में भी हलचल ही मच गई। पत्रकार विजेता सिंह ने दावा किया कि ये भारत सरकार के ब्रॉडकास्ट नियमों का खुला उल्लंघन है। साथ ही उन्होंने एमआईबी इंडिया को टैग कर के इस पर जवाब माँगा। साथ ही पूछा कि इस पर क्या कार्रवाई की गई है?
राजदीप सरदेसाई ने भी अर्नब गोस्वामी द्वारा एडिटर्स गिल्ड से लाइव शो के दौरान इस्तीफा दिए जाने की बात करते हुए उन पर निशाना साधा। राजदीप ने बिना नाम लिए कहा कि अर्नब ने पिछले 12 सालों में एडिटर्स गिल्ड की एक भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि जब मीडिया व पत्रकारों पर हमले हो रहे थे, तब भी अर्नब गोस्वामी उनके पक्ष में खड़े नहीं हुए, जो उनकी ‘मीडिया की स्वतंत्रता’ के प्रति ‘प्रतिबद्धता’ को बताता है।
सोनिया गाँधी को लेकर क्या कहा था अर्नब गोस्वामी ने?
अर्नब ने आचार्य प्रमोद कृष्णन से कहा कि अगर किसी पादरी की हत्या होती तो आपकी पार्टी और आपकी पार्टी की ‘रोम से आई हुई, इटली वाली’ सोनिया गाँधी बिलकुल चुप नहीं रहतीं। अर्नब ने दावा किया कि मॉब लिंचिंग पर सोनिया गाँधी आज चुप हैं तो इसका मतलब है कि वो मन ही मन में खुश भी हैं। मॉब लिंचिंग पर सोनिया गॉंधी की चुप्पी को लेकर अर्नब ने कहा:
“सोनिया गाँधी तो खुश हैं। वो इटली में रिपोर्ट भेजेंगी कि देखो, जहाँ पर मैंने सरकार बनाई है, वहाँ पर हिन्दू संतों को मरवा रही हूँ। वहाँ से उन्हें वाहवाही मिलेगी। लोग कहेंगे कि वाह, सोनिया गाँधी ने अच्छा किया। इनलोगों को शर्म आनी चाहिए। क्या उन्हें लगता है कि हिन्दू चुप रहेंगे? आज प्रमोद कृष्णन को बता दिया जाना चाहिए कि क्या हिन्दू चुप रहेंगे? पूरा भारत भी यही पूछ रहा है। बोलने का समय आ गया है।”
बता दें कि अर्नब गोस्वामी ने हाल ही में एक लाइव शो के दौरान ही एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया से त्यागपत्र दे दिया था। अर्नब ने अपने इस्तीफे के लिए एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के गिरते हुए मूल्यों को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने व्यक्तिगत पूर्वग्रहों के लिए नैतिकता से समझौता किया है। उन्होंने कहा कि वह काफी लंबे वक्त से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्य हैं। लेकिन अब यह मात्र कुछ लोगों का समूह है, जिनमें फेक खबरों को फेक कहने का दम नहीं है।
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