CAA-NRC के दौरान पत्रकारों पर हुए घातक हमले

मीडियाकर्मियों पर हुए इन हमलों की संख्या केवल 12 तक ही सीमित नहीं हैं। यदि पाठकों को मीडियाकर्मियों पर हुए हमले से जुड़ी अन्य घटनाओं के बारे में पता है, तो वो हमें उन घटनाओं से अवगत करा सकते हैं। हम उन्हें इस लेख में जोड़कर इस लेख को अपडेट कर देंगे।

मीडिया को भारतीय लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है, जिसकी भूमिका बेहद अहम है। ऐसे में मीडियाकर्मियों पर हमला इस ओर इशारा करता है कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखने में कहीं न कहीं कुछ तो गड़बड़ है। लेकिन ये कर कौन रहा है? हाल के दौरान, CAA-NRC के ख़िलाफ़ देश में चल रहे हिंसक-प्रदर्शनों में आए दिन ऐसी ख़बरें सामने आईं, जहाँ पत्रकारों पर हमला कर दिया गया और उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इससे यह साफ़ पता चलता है कि पत्रकारों को निशाना बनाने का काम एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है, जिससे फ़र्ज़ी ख़बरों को फैलाने वाले अराजक तत्व जनता के सामने सही ख़बर को लाने से रोक सकें।

हालिया मामला न्यूज़ नेशन के वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया का है, जिन्हें शाहीन बाग में CAA के ख़िलाफ़ हो रहे विरोध-प्रदर्शन के दौरान कुछ गुंडों ने उनके साथ न सिर्फ़ बदसलूकी की बल्कि उनके साथ हाथापाई करते हुए उनका कैमरा तक तोड़ दिया। बता दें कि दीपक चौरसिया के साथ अभद्रतापूर्ण किया गया यह व्यवहार किसी पत्रकार के साथ पहली बार नहीं हुआ है। इस लेख में हम आपको उन 12 घटनाओं के बार में बताएँगे जहाँ पत्रकारों व उनकी टीम को निशाना बनाया गया। अप्रैल 2019 से अभी तक की इन 12 घटनाओं के बारे में क्रम से नीचे पढ़ें:

1. रिपब्लिक टीवी, इंडिया टुडे के पत्रकारों पर TMC के गुंडों ने बरसाई लाठियाँ, महिला पत्रकार को भी नहीं बख़्शा

2019 में लोकसभा चौथे चरण के चुनाव के दौरान जहाँ सारा देश लगभग शांति से मतदान कर रहा था, वहीं पश्चिम बंगाल से हिंसा और धांधली की खबरें आईं। इन खबरों को कवर करने गई रिपब्लिक टीवी ने बताया है कि इस दौरान TMC के गुंडों ने उन पर हमला किया गया। रिपब्लिक टीवी के अनुसार, उनकी पत्रकार शांताश्री, अपने साथी पत्रकार के साथ आसनसोल से रिपोर्टिंग कर रही थीं। 

पत्रकार शांताश्री, अपने साथी पत्रकार के साथ आसनसोल से रिपोर्टिंग कर रही थीं। वहाँ TMC के गुंडों ने लाठियों से उनकी कार पर हमला किया और खिड़की तोड़ दी। शांताश्री ने बताया कि वे भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो की कार के पीछे-पीछे चल रहे थे। अचानक से TMC के गुंडे भड़क गए और उन्होंने उन पर हमला कर दिया। ख़बर के अनुसार, जिन-जिन मीडिया वाहनों ने भाजपा नेता की कार का पीछा किया, उन्हें ही निशाना बनाया गया। गुंडों ने कथित तौर पर मीडियाकर्मियों को गालियाँ दीं और जब उन्हें रिपोर्ट करने की कोशिश की गई तो उनका पीछा किया गया। इससे पहले, TMC कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर आसनसोल में सुप्रियो की कार पर हमला किया था।

वहाँ TMC के गुंडों ने लाठियों से उनकी कार पर हमला किया और खिड़की तोड़ दी। शांताश्री ने बताया कि वे भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो की कार के पीछे-पीछे चल रहे थे। अचानक से TMC के गुंडे भड़क गए और उन्होंने उन पर हमला कर दिया। रिपब्लिक टीवी के चालक दल के अलावा, इंडिया टुडे के चालक दल और पत्रकार मनोग्य लोईवाल पर भी कथित तौर पर TMC के गुंडों द्वारा ही हमला किया गया।

2. मध्य प्रदेश: दिनदहाड़े पत्रकार पर जानलेवा हमला, कॉन्ग्रेस नेता गोविंद सिंह पर लगा आरोप, लिबरल गैंग मौन

मध्य प्रदेश के भिंड ज़िले में स्थानीय पत्रकार रीपू धवन से मारपीट की एक वीडियो सोशल मीडिया पर 30 सितंबर 2019) को वायरल हुआ। वीडियो में यह साफ़तौर पर दिखा कि दिनदहाड़े कुछ बदमाश पत्रकार को ज़मीन पर लिटाकर बेरहमी से लगातार मार रहे थे। पत्रकार लाचार ज़मीन पर पड़ा है और उस पर चारों ओर से लाठियाँ बरस रही थीं। पूरी घटना वीडियो कैमरे में कैद हो गई थी, लेकिन सभी हमलावर बदमाशों ने अपने मुँह पर कपड़ा बाँधा हुआ था। वहीं, पत्रकार का आरोप था कि उसपर ये हमला कॉन्ग्रेस नेता गोविंद सिंह के आदेश पर हुआ।

वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि दिनदहाड़े पत्रकार के पीटे जाने के बाद भी बात-बे-बात पर शोर मचाने वाली लिबरल गैंग मौन है क्योंकि यहाँ शासन कॉंग्रेस का है, सत्ता में कमलनाथ और आरोपित कॉन्ग्रेस नेता गोविंद सिंह।

इससे पहले मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस नेता का नाम जबलपुर में पत्रकार पर हुए हमले में भी आया था। जहाँ कॉन्ग्रेस नेता एवं बिल्डर सत्यम जैन और मयूर जैन ने पत्रकार आलोक दिवाकर पर जानलेवा हमला किया था और उन्हें बुरी तरह मारा था।

3. इसके मज़े लो: JNU में महिला पत्रकार के साथ बदसलूकी, गूँजा ‘हिन्दी मीडिया मुर्दाबाद’ का नारा

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) लंबे समय से देश-विरोधी नारेबाजी आदि के लिए, नकारात्मक बातों के लिए ही चर्चा में रहती है। ज़ी न्यूज़ चैनल की एक महिला पत्रकार किसी मुद्दे पर जानकारी जुटाने के लिए विश्वविद्यालय के परिसर में पहुँची। इस दौरान उनके द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देने की बजाय वहाँ मौजूद छात्र-छात्राओं ने उनके साथ न सिर्फ़ अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया बल्कि मारपीट भी की। महिला पत्रकार बार-बार स्टूडेंट्स से उनके मसले के बारे में पूछती रही, लेकिन स्टूडेंट्स ने उनकी एक नहीं सुनी और उनके साथ बदतमीज़ी करते रहे।

जिस परिसर में महिला पत्रकार कुछ स्टूडेंट्स से सवाल करती नज़र आ रही थीं, वहाँ मौजूद छात्रों के झुंड में से कुछ ने यह कहकर फ़ब्तियाँ कस रहे थे कि ‘इन्हें घेरो मत, मजा लो’। इतना सुनने के बाद जब महिला पत्रकार ने उन शब्दों पर आपत्ति जताते हुए सवाल किया तो उनमें से एक छात्र ने कहा, “यहाँ सब आपका मज़ा ले रहे हैं।” महिला पत्रकार ने जब पूछा कि आप लोग यहाँ पढ़ाई करने आते हैं या मज़ा लेने आते हैं? इस सवाल के जवाब पर स्टूडेंट्स के झुंड ने एक साथ ‘हिन्दी मीडिया मुर्दाबाद’ के नारे लगाए और मीडियाकर्मियों को कैमरे बंद करने के लिए कहा।

4. झारखंड: कॉन्ग्रेस कैंडिडेट ने बूथ के बाहर लहराए हथियार, समर्थकों ने पत्रकारों को पीटा

झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 13 सीटों पर 30 नवंबर 2019 को वोट पड़े। डाल्टनगंज के एक बूथ के बाहर कॉन्ग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी का हथियार लहराते वीडियो सामने आया था। उनके समर्थकों और भाजपा प्रत्याशी आलोक चौरसिया के समर्थकों के बीच झड़प की खबर भी सामने आई। मीडिया ​रिपोर्टों के मुताबिक घटना को कैमरे में कैद कर रहे पत्रकारों की पिटाई भी त्रिपाठी समर्थकों ने की।

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार पूर्वडीहा गॉंव में कॉन्ग्रेस नेता केएन त्रिपाठी त्रिपाठी के समर्थकों ने निजी चैनल के पत्रकार और कैमरामैन को पीट डाला। उनका कैमरा भी तोड़ दिया।

5. जामिया में प्रदर्शनकारी छात्रों की गुंडागर्दी, ABP की महिला पत्रकार के साथ बदसलूकी

जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के छात्रों का प्रदर्शन अब भी आक्रामकता के दौर से गुजर रहा था। 15 दिसंबर 2019 को छात्रों का विरोध-प्रदर्शन अचानक से हिंसक हो उठा, जब जामिया नगर से 4 बसों को जलाए जाने की ख़बर आई। कई मेट्रो स्टेशनों को बंद करना पड़ा, कई इलाक़ों में लम्बा ट्रैफिक जाम लगा और लोगों को ख़ासी परेशानी का सामना करना पड़ा। जामिया के छात्रों ने पत्रकारों को भी अपने चपेट में ले लिया था। यहाँ तक कि महिला रिपोर्टरों को भी नहीं बख्शा गया।

इस दौरान, एबीपी न्यूज़ की पत्रकार प्रतिमा मिश्रा लगातार छात्रों से पूछती रही थीं कि क्या यही उनका शांतिपूर्ण प्रदर्शन है, लेकिन छात्रों ने महिला रिपोर्टर को घेर कर उनके साथ बदतमीजी की और नारेबाजी शुरू कर दी। वो बार-बार पूछती रहीं कि आप एक महिला के साथ गुंडागर्दी क्यों कर रहे हैं लेकिन जामिया के प्रदर्शनकारी छात्र लगातार बदसलूकी करते रहे।

6. जामिया मिलिया के बाहर ANI पत्रकारों पर हमला, हॉस्पिटल भेजे गए: अन्य रिपोर्टरों से भी हो चुकी है बदसलूकी

नागरिकता सेशोधन क़ानून का विरोध कर रहे जामिया के छात्रों ने समाचार एजेंसी ANI के दो कर्मचारियों पर 16 दिसंबर, 2019 को दोपहर हमला कर दिया गया, जब वे जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रदर्शनकारी छात्रों को कवर करने गए थे। ANI के पत्रकार और कैमरामैन पर हमला यूनिवर्सिटी के गेट नंबर-1 के पास हुआ। हमले में घायल हुए पत्रकार उज्जवल रॉय और कैमरामैन सरबजीत सिंह को होली फैमिली हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।

नागरिकता विधेयक में संशोधन के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन की नकली परतें उतर रहीं हैं, और असली चेहरा सामने आ रहा है। पहले ‘शांतिपूर्ण’ की परत उतरी, और प्रदर्शनकारियों ने पथरबाज़ी शुरू कर दी। फिर ‘सेक्युलर’ की परत उतरी, जब “हिन्दुओं से आज़ादी” के नारे लगे, और अपनी बात साबित करने के लिए (अंग्रेज़ी में कहें तो, टु ड्राइव होम ए पॉइंट) प्रदर्शन स्थल पर हुजूम ने नमाज़ पढ़ी, मुहर्रम की तरह नंगे बदन ‘मातम’ मनाने तथाकथित छात्र सड़क पर उतर पड़े। और अब ‘लोकतान्त्रिक’ का भी नकली मुलम्मा उतर कर गिर गया है, जब ‘लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ’ बताए जाने वाले मीडिया पर हमला हो रहा है। वह भी केवल इसलिए, क्योंकि मीडिया ने वह करने की ‘जुर्रत’ की, जो उसका काम है- लोगों का, प्रदर्शनों का सच कवर करना।

7. गिरफ़्तार हुआ पत्रकारों की पिटाई करने करने वाला कॉन्ग्रेस नेता, फरार होकर भी चला रहा था फेसबुक

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) समेत कई विपक्षी दलों ने 21 दिसंबर 2019 को बिहार बंद का आयोजन किया था। उसी समय कॉन्ग्रेस के नेता आशुतोष शर्मा ने एक पत्रकार की न सिर्फ़ पिटाई की थी बल्कि कई अन्य मीडियाकर्मियों के साथ भी बदतमीजी की थी। उसने कई अख़बारों के पत्रकारों व फोटोग्राफरों की पिटाई की थी। कॉन्ग्रेस नेता ने पत्रकारों के कैमरे व अन्य उपकरणों को तो तोड़ ही डाला गया था साथ ही पत्रकारों के मोबाइल फोन को भी नहीं बख्शा था। साथ ही एक फोटोग्राफर का सिर फोड़ डाला था। इसके बाद वो कई दिनों तक फ़रार रहे।

फरारी के दौरान भी उसने अपने फेसबुक पेज पर अपना फोटो पोस्ट किया था। उससे पहले उसने न सिर्फ़ एक पत्रकार की पिटाई की थी बल्कि कई अन्य मीडियाकर्मियों के साथ भी बदतमीजी की थी। उसने कई अख़बारों के पत्रकारों व फोटोग्राफरों की पिटाई की थी। पत्रकारों के कैमरे व अन्य उपकरणों को भी तोड़ डाला गया था। पत्रकारों के मोबाइलों को भी नहीं बख्शा गया था। एक फोटोग्राफर का सिर फोड़ डाला गया था। आशुतोष पटना जिला ग्रामीण कॉन्ग्रेस का अध्यक्ष है।

8. ‘तेरी माँ की…’ गाली देने वाला है The Hindu का पूर्व जर्निलस्ट, रेप पीड़िता को भी कह चुका है K*tti, har*#zadi

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) कैंपस में 5 जनवरी को नकाबपोश गुंडों ने धावा बोला और हॉस्टल में छात्रों को निशाना बनाया था। लाठी, पत्थरों और लोहे की छड़ों के साथ गुंडों ने हाथापाई, मारपीट और खिड़कियों, फर्नीचर सामानों में तोड़फोड़ की। इसी दौरान रिपब्लिक भारत के रिपोर्टर पीयूष मिश्रा भी रिपोर्टिंग करने वहाँ पहुँचे थे। वहाँ पर उपस्थित छात्रों के साथ ही फ्रीलांस जर्नलिस्ट अभिमन्यु सिंह उर्फ अभिमन्यु कुमार ने भी गाली-गलौच और बदसलूकी की। बता दें कि अभिमन्यु सिंह मीडिया संस्थान द हिन्दू, संडे गार्डियन में काम कर चुके हैं और फिलहाल ऑनलाइन पोर्टल जनता की आवाज के साथ जुड़े हुए हैं।

ऑपइंडिया की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद हरियाणा की रहने वाली एक महिला मीना (बदला हुआ नाम) ने उनसे संपर्क किया था और आरोप लगाया था कि फ्रीलांस जर्नलिस्ट अभिमन्यु सिंह ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें ‘K*tti’ और ‘har*mzadi’ कहा।

9. रिपब्लिक के पत्रकार के साथ धक्का-मुक्की कर चुकी है वामपंथियों को कोचिंग देने वाली ‘इंडिया टुडे’ की तनुश्री

12 जनवरी 2020 को ऑपइंडिया ने ‘इंडिया टुडे’ के पत्रकार के वायरल वीडियो को लेकर एक ख़बर प्रकाशित की थी। उस वीडियो में देखा जा सकता था है कि पत्रकार तनुश्री पांडेय जेएनयू के सर्वर रूम में वामपंथी छात्रों को सिखाती हुई दिख रही थीं कि उन्हें कैमरे के सामने क्या बोलना है?

इसके बाद एक वीडियो सामने आया था कि ‘इंडिया टुडे’ की तनुश्री पांडेय जेएनयू छात्र संगठन की अध्यक्ष आईसी घोष के साथ मिल कर ‘रिपब्लिक टीवी’ के पत्रकार के साथ धक्का-मुक्की की थी। पत्रकार तनुश्री, वामपंथी छात्र नेता आईसी व अन्य वामपंथी छात्रों ने ‘रिपब्लिक टीवी’ के पत्रकार के साथ सिर्फ़ इसीलिए धक्का-मुक्की की थी क्योंकि उन्होंने कुछ सवाल पूछे थे। ये घटना नवंबर 20, 2019 की थी, जब जेएनयू में हॉस्टल फी बढ़ाने को लेकर हंगामा चल रहा था।

10. कॉन्ग्रेस नेता का बेहूदा रवैया: मेट्रो में सुरक्षकर्मियों को धमकी, महिला पत्रकार से बदसलूकी – वायरल हुआ Video

15 जनवरी 2020 को इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकार तबस्सुम ने अपने ट्विटर पर मेट्रो स्टेशन पर हुए एक वाकये को शेयर किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था, मेट्रो स्टेशन में घुसते ही उन्होंने किसी को यह कहते सुना था, “तुम जानते हो मैं पार्षद हूँ।” जब उन्होंने पास जाकर देखा तो वो कॉन्ग्रेस नेता विक्रांत चव्हाण थे। वो मेट्रो स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों पर तेज आवाज में चिल्ला रहे थे और सुरक्षाकर्मी उन्हें शांत करने की कोशिश में जुटे थे।

इसके बाद तबस्सुम ने साजिद नाम के सुरक्षाकर्मी से पूछा कि आखिर हुआ क्या है? साजिद ने बताया,”ये पार्षद हैं, यही कारण है कि ये चिल्ला रहे हैं और किसी की सुन ही नहीं रहे।” कॉन्ग्रेस नेता का ऐसा रवैया देख, तबस्सुम ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने बड़े आराम से चव्हाण को शांत हो जाने को कहा, लेकिन उनकी आवाज़ और तेज़ हो गई। वो पत्रकार को कहने लगे, “तू जा यहाँ से, मैं विक्रांत चव्हाण हूँ। पार्षद।” बस फिर क्या, तबस्सुम मे पूरे मामले की वीडियो बनानी शुरू कर दी। जिसे देखकर चव्हाण नाराज हो गए और तबस्सुम के हाथ पर मारकर वीडियो रोकने की कोशिश की।

11. CPI नेता अमीर जैदी ने टीवी डिबेट में दीपक चौरसिया को दी गाली, बताया भ*वा पत्रकार

“रंज की जब गुफ्तगू होने लगी आप से तुम तुम से तू होने लगी।” मशहूर शायर दाग दहलवी की ये शायरी तब प्रासंगिक नजर आई जब CPI के पार्टी प्रवक्ता अमीर हैदर ज़ैदी ने टीवी पर बहस के दौरान टीवी पत्रकार दीपक चौरसिया को ‘तू-ता’ कहकर गालियाँ देते नजर आए। इसके अलावा, CPI के पार्टी प्रवक्ता ने दीपक चौरसिया को गाली देते हुए उन्हें ‘भ*वा पत्रकार’ तक कह दिया था। इसके बाद वो इतने पर भी नहीं रुके और दीपक चौरसिया पर और भी आरोप लगाते हुए ज़ैदी उन्हें भ*वा कहते हुए भद्दी गालियाँ देते हुए उन्हें दोहराते रहे। हालाँकि, इस दौरान दीपक चौरसिया सिर्फ मंद-मंद मुस्कुराते हुए ज़ैदी के आरोप सुनते रहे।

इस निंदनीय घटना को दीपक चौरसिया ने ट्वीट करते हुए लिखा था, “जब किसी संगठन की वैचारिक तर्कशक्ति मर जाती है, तो वो गाली-गलौच पर आ जाता है! मुझे गाली देने से आपका स्वास्थ्य अच्छा होता है तो और दीजिए। लेकिन जैदी साहब, बच्चों के दिमाग में अपनी मानसिक कुंठा मत भरिए!”

12. अल्लाह हू अकबर के नारे लगाते हुए शाहीन बाग के गुंडों ने की पत्रकार दीपक चौरसिया से मारपीट, कैमरा भी तोड़ा

शाहीन बाग़ में चल रहे CAA-विरोधी प्रदर्शन में न्यूज़ नेशन के वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया के साथ 24 जनवरी 2020 को वहाँ प्रदर्शन कर रहे गुंडों ने बदसलूकी की। यही नहीं, उनके साथ हाथापाई करने के बाद उनका कैमरा भी तोड़ दिया गया। इस दौरान सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे वीडियो में धक्का-मुक्की कर रही भीड़ को अल्लाह हू अकबर के नारे लगाते भी सुना गया।

यह घटना तब हुई जब न्यूज़ नेशन के पत्रकार दीपक चौरसिया शाहीन बाग़ घटना को कवर करने गए थे। उन्होंने एक वीडियो के ज़रिए बताया था कि शाहीन बाग में प्रदर्शन के नाम पर कई असामाजिक तत्व हिंसा फैला रहे हैं। साथ ही न्यूज नेशन के कैमरामैन का कैमरा तोड़ दिया गया।

नोट: मीडियाकर्मियों पर हुए इन हमलों की संख्या केवल 12 तक ही सीमित नहीं हैं। यदि पाठकों को मीडियाकर्मियों पर हुए हमले से जुड़ी अन्य घटनाओं के बारे में पता है, तो वो हमें उन घटनाओं से अवगत करा सकते हैं। हम उन्हें इस लेख में जोड़कर इस लेख को अपडेट कर देंगे।

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply