‘आंदोलनकारी छात्रों से अपील करता हूं कि वे अपनी हड़ताल को खत्म कर दें.’ : VC जगदीश कुमार
जेएनयू (JNU) के नए हॉस्टल मैन्यूअल के अनुसार सिंगल-सीटर रूम का किराया 20 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 600 रुपये प्रति माह कर दिया गया है.
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने फैसला किया है कि परिसर में बुधवार यानी 1 जनवरी 2020 से हॉस्टल के नये मैनुअल लागू कर दिये जाएंगे. विश्वविद्यालय की ओर से एक अपील में यह भी कहा गया है कि छात्र अपनी हड़ताल खत्म कर दें. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, स्कूलों के डीन और विशेष केंद्रों के अध्यक्षों की एक बैठक के बाद द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया जिसमें छात्रों से आग्रह किया गया था, जिन्होंने अपनी ‘मॉनसून सेमेस्टर 2019 की शैक्षणिक आवश्यकताओं’ को पूरा कर लिया है वे बुधवार से 5 जनवरी के दौरान नए सेमेस्टर में रजिट्रेशन करा लें.
विश्वविद्यालय ने कहा है कि जिन लोगों ने’शैक्षणिक आवश्यकताओं’ को पूरा नहीं किया है, उन्हें इस अवधि के दौरान अस्थायी रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी जाएगी. कहा गया है कि अस्थायी रूप से पंजीकृत छात्रों को अपने रजिस्ट्रेशन की वैधता बनाए रखने के लिए 20 जनवरी, 2020 तक ‘शैक्षणिक आवश्यकताओं’ को पूरा करना आवश्यक है.
परिणाम 20 जनवरी तक होंगे घोषित
सर्कुलर में कहा गया है कि डीन और चेयरपर्सन यह सुनिश्चित करेंगे कि 20 जनवरी, 2020 को या उससे पहले सभी अस्थायी रूप से रजिस्ट्रेशन छात्रों का मूल्यांकन, परीक्षा और ग्रेडिंग पूरी हो जाए. सभी छात्रों के लिए, शीतकालीन कैलेंडर शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार शुरू होगा . विश्वविद्यालय के एक अधिकारी के अनुसार, जिन छात्रों ने परीक्षा का बहिष्कार किया और परीक्षा नहीं दी, उन्हें ईमेल और वॉट्सऐप के माध्यम से प्रश्न पत्र भी भेजे गए. वे सेमेस्टर के लिए अस्थायी रूप से पंजीकरण कर सकते हैं, अपने संबंधित स्कूलों में परीक्षा दे सकते हैं और परिणाम 20 जनवरी तक घोषित किए जाएंगे.’
जेएनयू छात्र संघ के उपाध्यक्ष साकेत मून ने कहा कि छात्रों ने JNU रजिस्ट्रार और रेक्टर के साथ बैठक की, जहां कुछ मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि छात्र संघ यह तय करने के लिए एक बैठक आयोजित करेगा कि वे परीक्षा देंगे या नहीं. विश्वविद्यालय के छात्र हॉस्टल मैनुअल के खिलाफ दो महीने से हड़ताल पर हैं क्योंकि इसमें फीस वृद्धि और लेवी सेवा और उपयोगिता शुल्क के प्रावधान हैं. हालांकि, जेएनयू के एक अधिकारी ने कहा कि सेवा और उपयोगिता शुल्क विश्वविद्यालय अनुदान आयोग देगा और जो छात्रों से नहीं लिया जाएगा.
VC जगदीश कुमार ने की अपील
JNU के वाइस-चांसलर, जगदीश कुमार ने छात्रों को नए साल की शुभकामनाएं दीं और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का जिक्र किया. उन्होंने हाल की कुछ घटनाओं पर चिंता भी व्यक्त की. कुमार ने कहा, ‘विश्वविद्यालय प्रशासन और संबंधित निकायों ने कमरे के किराए और छात्रावास के शुल्क को संशोधित करने के लिए वैधानिक प्रक्रिया का पालन किया, लेकिन एक गलत धारणा बनाई गई जैसे कि प्रशासन छात्रों को नुकसान पहुंचाने के लिए इन बदलावों को अमल में लाया जा रहा है.’ उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के बजट में बढ़ते राजकोषीय दबाव के बीच आरामदायक और अनुकूल छात्रावास आवास बनाए रखने के लिए छात्रावास के शुल्क में मामूली वृद्धि की आवश्यकता थी.कुमार ने कहा कि प्रशासन ने नए छात्रावास नियमों पर लगाए जा रहे आरोपों पर आंदोलनकारी छात्रों के साथ सार्थक संवाद स्थापित करने के कई प्रयास किए. आंदोलनकारी छात्रों ने शिक्षकों और अन्य छात्रों को कुछ स्कूल भवनों में प्रवेश करने से रोका. कुमार ने कहा, ‘विश्वविद्यालय मानसून सेमेस्टर 2019 की अपनी शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए छात्रों को एक और मौका दे रहा है. मैं आंदोलनकारी छात्रों से अपील करता हूं कि वे अपनी हड़ताल को खत्म कर दें.’
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