Thursday, December 26

आज का दिन भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि का दिन है. आज ISRO ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से PSLV-C47 रॉकेट की मदद से. अंतरिक्ष में एक साथ 14 Satellites की कामयाब लॉन्चिंग की है. परिश्रमी और मेहनती लोगों के आंसू उनकी असफलता की निशानी नहीं बल्कि उनकी आने वाली कामयाबी का सबूत होते हैं. करीब दो महीने पहले चंद्रयान Two की असफलता के बाद आपने ISRO के चेयरमैन K Sivan की भावुक तस्वीरें देखी होगी… लेकिन सिर्फ दो महीनों में उसी लगन और मेहनत से K Sivan और ISRO के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है और ये कीर्तिमान है अंतरिक्ष में भारत के सबसे शक्तिशाली कैमरे की सफल लॉन्चिंग.

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

आज PSLV-C47 रॉकेट ने स्वदेशी Cartosat-3 सैटेलाइट के साथ अमेरिका के 13 Nano Satellites को भी अंतरिक्ष में स्थापित किया है. PSLV-C47 रॉकेट श्रीहरिकोटा से आज सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर रवाना हुआ और सिर्फ 17 मिनट 38 सेकेंड में इसने Cartosat-3 को अपनी मंजिल तक पहुंचा दिया . लेकिन आज की सबसे बड़ी कामयाबी है. दुश्मनों पर नजर रखने की भारत की क्षमता में बड़ी सफलता. इसलिए आज हम इसके बारे में विस्तार से बात करेंगे.

Cartosat-3… तीसरी पीढ़ी का यानी Third Generation Advanced Earth Observation Satellite है. इसे अंतरिक्ष में 509 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है. और 1625 किलोग्राम का ये सैटेलाइट अगले 5 वर्षों तक अंतरिक्ष में काम करता रहेगा.

Cartosat Series के Satellite में State-Of-The-Art Camera लगा हुआ है. आसान शब्दों में कहें तो ये Satellite पृथ्वी की कक्षा में मौजूद एक High Tech कैमरे जैसा है. जिसकी मदद से पृथ्वी की बेहद साफ तस्वीरें ली जा सकेंगी.

509 किलोमीटर की ऊंचाई से ये कैमरा 25 सेंटीमीटर आकार की वस्तुओं की साफ तस्वीर ले पाएगा . यानी सैकड़ों किलोमीटर दूर से आपके मोबाइल Tablet की तस्वीर ली जा सकती है. एक उदाहरण से इसे समझिए. दिल्ली से लखनऊ की दूरी करीब 5 सौ किलोमीटर है. और आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट का आकार 25 सेंटीमीटर से थोड़ा बड़ा होता है. और ये सैटेलाइट दिल्ली से ही लखनऊ में मौजूद आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट की तस्वीर ले सकता है . इसी तरह पृथ्वी पर अगर 1 फीट ऊंची कोई वस्तु है… यानी सीमा पर तैनात दुश्मन का कोई सैनिक… तो Satellite की मदद से उसकी भी साफ तस्वीर मिलेगी.

आज आपके लिए गर्व करने की बात ये भी है कि Cartosat-3 Satellite और इसके कैमरे का निर्माण वैज्ञानिकों ने देश में ही किया है…Cartosat-3 Satellite से ली गई तस्वीरें कैसी दिखेगीं…इसे समझने के लिए हमने ISRO की Website की मदद ली. और इस वक्त आप Cartosat-2 Series के Satellite से ली गई तस्वीरें देख रहे हैं. ये तस्वीर राजस्थान के किशनगढ़ रेलवे स्टेशन की हैं, जिसे 26 जून 2017 को अंतरिक्ष से लिया गया था.

लेकिन Cartosat-3 Satellite की तस्वीर इससे ज्यादा साफ और स्पष्ट होगी… जिसे देखकर किसी इलाके के बारे में पूरी जानकारी मिल पाएगी . जो तस्वीर आप इस वक्त देख रहे हैं… ये एक प्राइवेट कंपनी के Satellite से ली गई तस्वीरें हैं . जिसकी क्षमता Cartosat-3 के बराबर है. यानी ऐसी ही तस्वीर हमारे स्वदेशी Satellite की भी होगी.

Cartosat-3 Satellite इसरो के सबसे मुश्किल Projects में एक रहा है . इसके बारे में आपको बताने के लिए आज हमने अंतरिक्ष विशेषज्ञों से भी बात करके पूरी खबर को आसान भाषा में तैयार किया है . ताकि शक्तिशाली कैमरे वाले इस Satellite के बारे में आपको हर सवाल का जवाब मिल सके.

इन्हीं खूबियों की वजह से ये Satellite भारतीय सेना और सुरक्षाबलों के लिए काफी मददगार है. और इसका इस्तेमाल भारत की पूर्वी और पश्चिमी सीमा के इलाकों में दुश्मनों पर नज़र रखने के लिए भी किया जा सकता है. पिछले 10 वर्षों में Satellite Imaging यानी अंतरिक्ष से तस्वीरें लेने की तकनीक में बड़ा बदलाव हुआ है. अंतरिक्ष से किसी देश की जासूसी करना फायदेमंद है क्योंकि इसके लिए किसी की सीमा में दाखिल होने की जरूरत नहीं होती है.

बताया जाता है कि पृथ्वी की कक्षा में 140 ऐसे Satellites हैं जो दिन रात किसी भी देश की तस्वीरें ले सकते हैं.अमेरिका और रूस के पास ऐसे कई Satellites हैं जो पृथ्वी पर मौजूद किसी कार की License Plate की भी साफ तस्वीर ले सकते हैं . दिसंबर 2018 में चीन ने गाओफेन-4(Gaofen) नामक एक Satellite लॉन्च किया था… जिसमें अंतरिक्ष से तस्वीरें लेने वाला सबसे शक्तिशाली कैमरा होने का दावा किया जाता है

लेकिन ये सर्वश्रेष्ठ कैमरे वाला सबसे बेहतर Satellite नहीं है. अमेरिका और रूस इस तकनीक का इस्तेमाल पिछले करीब 60 वर्षों से कर रहे हैं . और ऐसे Spy Satellite की लॉन्चिंग और तैनाती की खबरों को भी classified यानी गुप्त रखा जाता है . इनके बारे में कोई देश दूसरों को जानकारी नहीं देता है .

आज हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई होगी… क्योंकि, अब आसमान से भारत की आंख… उसकी एक-एक हरकत पर नज़र रखेगी. पाकिस्तान के आतंकवादी और भारत के खिलाफ अभियान चलाने वाले पाकिस्तान के सैनिक इस Satellite की नज़रों से बच नहीं पाएंगे.

Cartosat सीरीज के Satellites वर्ष 2005 से लॉन्च किए जा रहे हैं… और आज लॉन्च किए गए Cartosat-3 सहित पृथ्वी की निगरानी करने वाले… ऐसे 9 उपग्रह अबतक अंतरिक्ष में भेजे गए हैं . Cartosat-3 का इस्तेमाल Urban और Rural Infrastructure Development के अलावा, भौगोलिक स्थिति से जुड़ी जानकारियां हासिल करने के लिए होगा. इसकी मदद से ली गई तस्वीरों के आधार पर शहरों के लिए ज़रुरी Data इकट्ठा किया जाता है. इसलिए आज का दिन ISRO के लिए भी बड़ी कामयाबी का दिन है .

भारत ने PSLV रॉकेट के ज़रिए Satellite छोड़ने के काम में महारत हासिल कर ली है. भारत ये काम दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले बहुत सस्ते दामों में कर पाता है . ये Make In India का एक ऐसा चमत्कार है… जिसे पूरी दुनिया सलाम कर रही है . अब समझिए कि आज इसरो ने क्या नई कामयाबियां हासिल की हैं.

PSLV-C47… Satish Dhawan Space Centre से किया गया 74वां लॉन्च है .इस महत्वपूर्ण Satellite के लिए ISRO ने अपने सबसे भरोसेमंद PSLV सीरीज के रॉकेट का इस्तेमाल किया और ये PSLV की 49वीं उड़ान है. अब PSLV सीरीज में ही ज्यादा ताकतवर रॉकेट बनाए गए हैं जिसका नाम है PSLV-XL..और Cartosat-3 को इसी से लॉन्च किया गया है . ये रॉकेट 1800 किलोग्राम तक के Satellites को अंतरिक्ष में ले जा सकता है. और वर्ष 2019 में ISRO की ये 5वीं सफल लॉन्चिंग है…

श्रीहरिकोटा से लॉन्च किए गए सभी Missions को मिलाएं तो इसरो के कुल 76 में से 68 मिशन सफल रहे हैं और सिर्फ 8 नाकाम हुए हैं. इस हिसाब से ISRO…अब अंतरिक्ष की दुनिया का ऐसा खिलाड़ी है, जिसका Strike Rate 89 प्रतिशत है. अंतरिक्ष में भारत की अपार सफलता के पीछे ISRO के वैज्ञानिकों की काबिलियत और मेहनत का सबसे बड़ा योगदान है. आज का दिन ISRO के हर वैज्ञानिक और उनके परिवार को प्रणाम करने का है. क्योंकि इन्होंने ही दिन रात मेहनत करके दुनिया के मंच पर भारत की शान बढ़ाई है

साभार “DNA”