मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अपना इस्तीफा सौंपा. महाराष्ट्र मे सरकार बनाने को लेकर शिवसेना की ओर से शुक्रवार तक कोई पेशकश न मिलने की हालत में फड़णवीस ने इस्तीफा दिया. दरअसल 9 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है.
इस्तीफा देने के बाद फड़णवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. हमने 5 साल तक महाराष्ट्र के विकास के लिए काम किया है. उन्होंने आगे कहा, “मै प्रधानमंत्री मोदी जी का धन्यवाद करता हूं. सभी हमारे साथ काम करने वाले मंत्रियों और साथियों का शुक्रिया करता हूं. मैने किसानों की हितकारी योजनाओं पर पूरी ईमानदारी से काम किया. सिंचाई परियोजनाओं को आगे बढ़ाया और नई योजनाओं का क्रियान्वयन किया.”
फड़णवीस ने कहा, “विधानसभा में महायुती करके हम चुनाव में गए. शिवसेना -बीजेपी सहयोगी दल को इसमें सफलता मिली. 160 से जादा सीटे गठबंधन को मिली. 105 सीटे बीजेपी को मिली हैं. हम सबसे बड़े दल बने हैं. हमारा स्ट्राईक रेट जादा रहा है. जो सीटें लड़ी हैं, उसमें से 70 फिसदी सीट हमने जीती.”
फड़णवीस ने कहा, “उद्धव ठाकरे ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह था कि सरकार बनाने के सभी विकल्प खुले हैं. हम महायुती गठबंधन से जीत के आए थे, फिर भी उन्होंने कहा कि सभी विकल्प खुले हैं. हमने तो पहले ही कहा कि की हम ‘महायुति’ की सरकार बनाएंगे. मेरे सामने कभी की ढाई ढाई साल का सीएम पद का विषय नहीं था.”
फड़णवीस ने कहा, “बाला साहेब ठाकरे हमारे लिए पूज्यनीय हैं. हमने चुनाव लड़ते वक्त उद्धव ठाकरे के खिलाफ भी कभी टिप्पणी नहीं की. हमारे नेता पीएम मोदी के खिलाफ शिवेसना टीका-टिप्पणी करती रही है. केंद्र और राज्य में सरकार मे सहयोगी पक्ष रहना और हमारे शीर्ष नेतृत्व पर टिप्पणी करना सही नहीं है.”
राज्य में एक बार फिर बीजेपी सरकार बनाने के आश्वासन के साथ फड़णवीस ने कहा, “मैं यह बात एक बार फिर से साफ तौर पर ऑन रिकॉर्ड रखना चाहता हूं कि सरकार बनाने के लिए हम तोड़फोड़ की राजनीति बिल्कुल नहीं करेंगे. अगली सरकार महाराष्ट्र मे बीजेपी की बनेगी ये तय है. विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोप बेबुनियाद हैं.”
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बयान दिया था कि जरूरत पड़ने पर मैं मध्यता करने को तैयार हूं. गडकरी ने कहा कि फिफ्टी-फिट्टी पर कोई बात नहीं हुई थी. जरूरत पड़ी तो मध्यस्थता को तैयार हूं. उधर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने फिर दोहराया कि उनकी पार्टी नहीं झुकेगी.