फड्नविस के इस्तीफे के बाद शिव सेना ने अपने विधायकों के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की

शिवसेना ने अपने सभी विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए मुंबई मढ में शिफ्ट कर दिया है. साथ ही शिवसेना ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर अपनी पार्टी के विधायकों की सुरक्षा की मांग की है.

चंडीगढ़:

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बीजेपी और शिवसेना में जारी खींचतान के बीच जहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया है. वहीं शिवसेना ने अपने सभी विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए मुंबई मढ में शिफ्ट कर दिया है. साथ ही शिवसेना ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर अपनी पार्टी के विधायकों की सुरक्षा की मांग की है. उधर, कांग्रेस ने अपने विधायकों को मुंबई से राजस्थान की राजधानी जयपुर में शिफ्ट कर दिया है. कांग्रेस के सभी विधायकों को एक रिजॉर्ट में ठहराया गया है.

इससे पहले गुरुवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने सभी विधायकों के साथ अपने निवास स्थान मातोश्री में बैठक की थी, जिसके बाद उन्हें मुंबई के रंगशारदा होटल में ठहराया गया था. शुक्रवार दोपहर में अचानक से बस भेजकर शिवसेना ने अपने सभी विधायकों को मुंबई के मढ में शिफ्ट कर दिया है. पार्टी की ओर से कहा गया कि रंगशारदा में जगह की कमी हो रही थी, इसलिए विधायकों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है. यहां आपको बता दें कि रंगशारदा मातोश्री के नजदीक ही स्थित है.

बीजेपी-शिवसेना में सुलह के लिए संभाजी भिड़े कूदे

मालूम हो कि महाराष्ट्र की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल नौ नवंबर यानी शनिवार को समाप्त हो रहा है. उधर, हिंदूवादी नेता संभाजी भिड़े ‘गुरुजी’ भी महाराष्ट्र में किसी भी तरीके से बीजेपी और शिवसेना में मान-मनौव्वल कराने में जुटे हैं. मालाबार हिल स्थित मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ पर उन्होंने उनसे मुलाकात की. हालांकि, दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, भिड़े ने इस पर बोलने से कुछ भी इनकार कर दिया.

संयोग से 85 वर्षीय नेता गुरुवार देर रात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी मिलने बांद्रा स्थित उनके घर ‘मातोश्री’ पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने विनम्रता के साथ उनसे मिलने से मना कर दिया था. बाद में पार्टी के एक नेता ने भिड़े की साख और उनकी हैसियत पर सवाल उठाया था.

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि पार्टी को बातचीत के लिए किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं है और यदि भारतीय जनता पार्टी के पास कोई संदेश है तो वह सीधे स्वयं शिवसेना से संपर्क करे. उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले तय हुए मुख्यमंत्री पद और सत्ता के बराबर के बंटवारे को लेकर पार्टी के रुख को दोहराया.

संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेताओं से मिलने के बाद गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मुंबई पहुंचे. यहां वह राजनीतिक गतिरोध पर राज्य के पार्टी नेताओं के साथ चर्चा कर सकते हैं.

मालूम हो कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी+शिवसेना गठबंधन को जीत मिली है. हालांकि सरकार गठन को लेकर दोनों दलों में खींचतान चल रही है. बीजेपी को सबसे अधिक 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें आई हैं. 13 निर्दलीय प्रत्याशी विधायक बने हैं. जनता ने इस तरह का परिणाम दिया है कि बिना शिवसेना की मदद के कोई सरकार नहीं बना पा रहा है.

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