बागी विधायक स्पीकर के आदेशों को निरस्त करवाने पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर द्वारा अयोग्य करार दिए गए कांग्रेस – जेडीएस के अन्य 9 बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आपकों बता दें कि 25 जुलाई को तीन जबकि 28 जुलाई 14 बाग़ी विधायकों को स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था
ब्यूरो:
कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर द्वारा अयोग्य करार दिए गए कांग्रेस-जेडीएस के अन्य 9 बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिका में स्पीकर के फैसले को चुनौती दी गई है. इससे पहले कांग्रेस के दो बागी विधायक रमेश जरकिहोली, महेश कुमाथल्ली और निर्दलीय विधायक आर शंकर ने मौजूदा विधानसभा के पूरे कार्यकाल के लिए अयोग्य ठहराने के फैसले को चुनौती दी थी. दरअसल,स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कांग्रेस-जेडीएस के 14 बागी विधायकों को मौजूदा विधानसभा के पूरे कार्यकाल 2023 तक के लिए अयोग्य करार दिया था.
इससे पहले भी स्पीकर तीन बागी विधायकों को अयोग्य ठहरा चुके हैं. बीएस येदियुरप्पा ने दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है कुल 17 विधायकों (कांग्रेस के 13 और जदएस के तीन) को अयोग्य करार दिए जाने के बाद सदन का नया समीकरण बदल गया है. 224 सदस्यीय विधानसभा में स्पीकर को छोड़कर सदस्यों की प्रभावी संख्या 207 हो गई है. ऐसे में बहुमत का आंक़़डा 104 पर आ गया है. भाजपा के खुद 105 विधायक हैं तथा उसे एक निर्दलीय का भी समर्थन है.
25 और 28 जुलाई को अयोग्य घोषित हुए थे विधायक
आपकों बता दें कि 25 जुलाई को तीन जबकि 28 जुलाई 14 बाग़ी विधायकों को स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था. जिनमें रमेश जारकिहोली (कांग्रेस), महेश कुमतल्ली (कांग्रेस), आर शंकर (निर्दलीय). कांग्रेस विधायक प्रताप गौड़ा पाटिल, शिवराम हेब्बर, बीसी पाटिल, बयराती बासवराज, एसटी सोमशेखर, के सुधाकर, एमटीबी नागराज, श्रीमंत पाटिल, रोशन बेग, आनंद सिंह और मुनिरत्ना और जेडीएस विधायक ए एच विश्वनाथ, नारायण गौड़ा, के गोपालैया शामिल हैं.
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