550वे प्रकाशोत्सव की तैयारियां गुरुद्वारा मँजी साहिब में
कोरल, पिंजौर, 5 जुलाई:
राज्य सरकार द्वारा गुरु नानक देवी जी के 550वें प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया जायेगा। हरियाणा में कई ऐसे स्थान है जहां गुरु नानक देव जी ने धर्म उपदेश के दौरान यात्राऐं की हैं। पंचकूला जिला को भी पिंजौर में भी गुरु नानक देव जी के चरण स्पर्श स्थल का गौरव हासिल है और अब इस स्थान पर गुरुद्वारा मंजी साहिब सुशोभित है।
सिक्ख इतिहास में उपलब्ध विवरणों के मुताबिक इस स्थान पर गुरु नानक देव जी तीसरी उदासी (तीसरी धार्मिक उपदेश यात्रा) के दौरान 15 आश्विन 1574 में मानवता को ईश्वर भक्ति का संदेश देते हुए पधारे थे। उस समय यह पूरा क्षेत्र घना जंगल था तथा यहां का धारामंडल संतों-महापुरूषों की तपस्थली के रूप में पहचाना जाता है। संत-महापुरूष इस स्थान पर सर्दी, गर्मी और वर्षा जैसी कठिन परिस्थितियों में तपस्या करके अपने शरीर पर कष्ठ झेलते थे ताकि उन्हें ईश्वर प्राप्ति अथवा मौक्ष प्राप्त हो सके।
गुरु नानक देव ने यहां आकर तपस्या कर रहे संतों को उपदेश दिया कि ईश्वर प्राप्ति का यह सही मार्ग नहीं है और शुद्ध विचारों तथा मानव सेवा की भावना से व्यक्ति अपने परिवार में रह कर भी प्रभु के नाम का सिमरण करके मोक्ष प्राप्त कर सकता है। उन्होंने इस स्थान पर संतो के मार्गदर्शन के लिये आसा की वार नामक गुरुबाणी की एक पंक्ति-लिख लिख पढ़िया, तेता कडिया का उच्चारण भी किया था। इसी स्थान पर गुरु नानक जी ने टुंडे असराजे को बाॅउली साहिब के पवित्र जल का आशीर्वाद दिया था और आज भी वह पवित्र बाॅउली गुरुद्वारा मंजी साहिब में स्थित है।
इस गुरुद्वारा सहिब में प्रतिदिन सिक्ख संगते गुरु का दर्शन करते है और गुरुवाणी श्रवण करती है। इस स्थान पर प्रति मास सक्रांति व अमावस के दिन बड़ी संख्या में सभी धर्मों के लोग नतमस्तक होते है। गुरुनानक देव जी के इस स्थान पर आगमन की स्मृति में प्रतिवर्ष 15 आश्विन को वार्षिक जोड़ मेला भी आयोजित किया जाता है। इन दिनों इस पवित्र स्थान का प्रबंध शिरोमणी प्रबंधक कमेटी अमृतसर द्वारा किया जा रहा है।
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