यदि चुनाव हार जाते हैं तो कश्मीर को भारत से अलग कर देंगे अब्दुल्लाह

आज कल अब्दुल्लाह पर फिर से काश्मीरियत का बुखार चढ़ा है।गरमियाँ लंदन सर्दियाँ दिल्ली में बिताने के बाद चुनावी मौसम में जब आज कल उनके पास कोई सरकारी रुतबा नहीं है। कोई मंत्रिपद नहीं है। उनके कांग्रेस प्रेम के चलते मौज़ूदा सरकार में उनकी पैठ नहीं बन पाई तो उन्होने अलगाव की राह पकड़ी। घाटी के पत्थर बाज़ उन्हे स्वतन्त्रता सेनानी दिखाई पड़ने लगे, अलगाव वादियों के साथ भारत सरकार को बातचीत करनी चाहिए। पाकिस्तान के साथ उन्हे टेबल के आर पार बैठ कर सौहार्दपूर्ण माहौल में बात करनी चाहिए। पुलवामा हमले के बाद बालाकोट हमले के सबूत भी चाहिए। फिर धारा 370 सरकार इसिलिए हटाना चाहती है क्योंकि वह घाटी में मुसलमानों को संख्या बल में हराना चाहते हैं। तो इसका मतलब जब धारा 370 लगाई गयी थी तो वह घाटी के हिंदुओं को संख्या में कम करने के लिए लगवाई गयी थी। और उसी का असर हमें घाटी से काश्मीरी पंडितों के पालायन में दिखता है। अब्दुल्लाह साहब कुछ तो बताएँगे। आज एस क्यों लगने लग पड़ा है घाटी को सिर्फ मुस्लिम स्टेट बनाने की ही मुहिम चल रही है? अब्दुल्लाह भूलते हैं की न तो केंद्र में नेहरू हैं और न ही काश्मीर में शेख अब्दुल्लाह।

श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि यह लोकसभा चुनाव तय करेंगे कि जम्मू-कश्मीर “गरिमा के साथ संघ का हिस्सा रह पाएगा या नहीं.” 

श्रीनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे फारूक ने गांदरबल में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों को देश की धर्मनिरपेक्षता, अखंडता और एकता को बनाए रखने के लिए मतदान करना है. उन्होंने कहा, “यह चुनाव तय करेंगे कि क्या जम्मू-कश्मीर राज्य गौरव के साथ संघ का हिस्सा बना रह सकता है. राज्य के लोग अपनी पहचान की सुरक्षा के लिए बैलट के माध्यम से भाजपा और यहां के उसके साथियों से सीधे लड़ रहे हैं.” 

इस बीच, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला शनिवार को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खतरे में है. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2020 तक राज्य के संवैधानिक सुरक्षा उपायों को खत्म करने के उसके “स्पष्ट और बलशाली वचनों” से उसके “दुर्भावनापूर्ण एजेंडे” का पता चलता है. अनंतनाग के डाक बंगला इलाके में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने आरोप लगाया कि पिछली पीडीपी-भाजपा सरकार ने राज्य को अराजकता में डाल दिया है.

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