नीति आयोग की बैठक में राज्यों ने रखे अपने विचार

दरअसल, राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में गवर्निंग काउंसिल की चौथी बैठक आयोजित की गई। इस दौरान NITI आयोग की तरफ से ट्विटर के माध्यम से अद्यतन जानकारी साझा की जा रही थी। बैठक में करीब 25 प्रदेशों के प्रतिनिधियों (मुख्यमंत्री या राज्यपाल) ने शिरकत की। इस दौरान राज्यों को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग सबसे प्रमुख रही।
बैठक में सीएम चंद्रबाबू नायडू ने अपनी बात रखते हुए आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की। उन्होंने बैठक में आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने से केंद्र सरकार के इनकार का भी मामला उठाया। TDP प्रमुख की इस मांग का समर्थन करते हुए नीतीश कुमार ने बिहार के लिए भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग की।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमें बिहार जैसे पिछड़े राज्यों को देश के अन्य राज्यों के स्तर पर लाने की जरूरत है। NITI आयोग को इस बात का आंकलन करना चाहिए कि विशिष्ट राज्यों की जरूरतों के हिसाब से कैसे योजनाओं को क्रियान्वित किया जा सकता है। अर्से से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग का भी पुरजोर समर्थन किया।

बैठक में अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू ने स्मार्ट सिटी के लिये पूर्वोत्तर राज्यों के मामले में वित्त पोषण जरूरतों में छूट देने पर जोर दिया। खांडू ने इटानगर में हवाईअड्डे के साथ पूर्वोत्तर राज्यों के लिये स्मार्ट सिटी के लिये वित्त पोषण में 90:10 का अनुपात रखने की बात कही। साथ ही अरूणाचल प्रदेश के लिये आईएएस, आईपीएस, आईएफएस के लिये अलग कैडर की मांग की।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि देश को 8 प्रतिशत और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों को 10 से 12 प्रतिशत वृद्धि की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश पिछले चार साल से 10.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रहा है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि हम तत्परता से केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं को लागू कर रहे हैं। बच्चों के पोषण अभियान के तहत हम ‘वजन त्यौहार’ जैसी योजनाएं चला रहे हैं। हमने आयुष्मान भारत के लिये नोडल एजेंसी मनोनीत किया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम मृदा स्वास्थ्य केंद्र, सिंचाई सुविधाओं तथा ई-नाम जैसी विभिन्न योजनाओं के जरिये राज्य में किसानों की आय दोगुनी करने के लिये कदम उठा रहे हैं। उन्होंने NITI आयोग की संचालन परिषद को संबोधित करते हुए कि वह कृष क्षेत्र में एमएसपी लागू करने, गन्ना कीमतों, अनाज की खरीद, सिंचाई पर जोर दे रहे हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य, पोषण शिक्षा पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।

उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में ग्रीन बोनस की मांग रखी है, जिसका समर्थन मध्यप्रदेश CM शिवराज ने भी किया है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मसले पर तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को लेकर अगर कुछ मुख्यमंत्री राजनीति करना चाहते हैं तो NITI आयोग उनके लिए सही जगह नहीं है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बैठक में राज्य के 3500 ग्रामीण हाट के नवीनीकरण के लिए एग्री इन्फ्रा फंड में से निधि दिया जाये । इससे किसानों के माल की बिक्री बढ़ेगी। जीवनावश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दूध की एमएसपी निश्चित की जाये। दूध पावडर पर 10% प्रोत्साहन सब्सिडी दी जाए। चीनी कारखानों को साफ्ट लोन की पुनर्रचना कर दिया जाए। साथ ही कर्ज चुकाने के समय मे 2 साल की बढ़ोतरी की बात कही।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने पर राज्य सरकार काम कर रही है। इसके लिए हरियाणा में किसान कल्याण प्राधिकरण का गठन किया गया गया है। गन्ने का भाव ₹330 प्रति क्विंटल जो देश में सर्वाधिक है।

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जल सूचकांक तैयार करने के लिये NITI आयोग की सराहना करते हुए कहा कि हमारा जोर कृषि विपणन, ई-नाम, सिंचाई, भामाशाह योजना, जल संरक्षण कार्यक्रम, स्वास्थ्य योजनाओं पर है।

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि हमने इस साल बजट इलेक्ट्रॉनिक रूप से पेश किया। हम आयुष्मान भारत, पोषण अभियान और ग्राम स्वराज अभियान जैसी प्रमुख योजनाओं को प्रमुखता से लागू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप तीन और सात साल के लिये योजना भी तैयार की है।

दिल्ली के राजभवन में सात दिन से धरने पर बैठे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपना समर्थन जताने के बाद इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा कि मैंने आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल के माननीय मुख्यमंत्रियों के साथ आज माननीय प्रधानमंत्री से दिल्ली सरकार की समस्याओं का तत्काल समाधान करने का अनुरोध किया।

इससे पहले, अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के सामने अब चुनौती वृद्धि दर को दहाई अंक तक पहुंचाने की है। जिसके लिए कई और महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे।

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