लोक सभा चुनावों से पहले माकन का इस्तीफा बहुत कुछ कहता है

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच संभावित गठबंधन के विरोध में कल एचएस फूलका और आज कांग्रेस के माकन ने इस्तीफा दिया

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी कार्यकर्ताओं का सहयोग और समर्थन के लिए आभार जताया. साथ ही माकन ने भी अपने ट्वीट में कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार जताया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, माकन ने गुरुवार को ही राहुल गांधी से मुलाकात भी की थी और राहुल गांधी ने कल ही इस्तीफा स्वीकार कर लिया था.

माकन ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, ‘2015 विधान सभा के उपरान्त-बतौर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष-पिछले 4 वर्षों से, दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा, कांग्रेस कवर करने वाली मीडिया द्वारा, एवं हमारे नेता राहुल गांधी जी द्वारा, मुझे अपार स्नेह तथा सहयोग मिला है. इन कठिन परिस्थितियों में यह आसान नहीं था! इसके लिए ह्रदय से आभार.’

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि माकन पहले ही स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने का मन बना चुके थे. लेकिन नया अध्यक्ष चुन लिए जाने तक उनको पद पर बने रहने को कहा गया था. गौरतलब है कि 2015 में अरविंदर सिंह लवली की जगह अजय माकन को दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. 2017 दिल्ली नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस के तीसरे नंबर पर आने के बाद भी अजय माकन ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था. हालांकि तब राहुल गांधी ने माकन का इस्तीफा लेने से साफ इनकार कर दिया था.

क्या है इस्तीफे की असल वजह

वहीं माकन के इस्तीफे के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन का रास्ता भी साफ हो गया है. क्योंकि माकन का इस्तीफा आम आदमी पार्टी के नेता एचएस फुल्का के इस्तीफे के एक दिन बाद आया है. माकन और फुल्का दोनों ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आप के गठबंधन के खिलाफ थे.

सूत्रों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावनाएं तलाश रही हैं. इसके लिए आम आदमी पार्टी की ओर से संजय सिंह बातचीत कर रहे हैं, जब कि कांग्रेस की ओर से दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित बात कर रही हैं.

माकन 2003-04 के दौरान दिल्ली विधानसभा के स्पीकर चुने गए थे. मात्र 39 साल में विधानसभा के स्पीकर चुने गए माकन देश के सबसे युवा विधानसभा अध्यक्ष रहे. दिल्ली में साल 2015 में उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था. प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनावों में माकन ने सदर बाजार सीट से चुनाव लड़ा था और तीसरे नंबर पर रहे थे.

अजय माकन साल 2004 के लोकसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट से सांसद चुने गए थे. इस चुनाव में माकन ने भाजपा के वरिष्ठ नेता जगमोहन को हराया था. इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में माकन ने इस सीट से बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय गोयल को हराया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में माकन बीजेपी की मीनाक्षी लेखी से हार गए थे.


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