G-20 समिट: भारत ने आर्थिक अपराधियों को पकड़ने के लिए किया 9 पॉइंट एजेंडा पेश


पेश 9 सूत्री एजेंडे में कहा गया है कि घोटाला किए गए धन को प्रभावी तरीके से फ्रीज करना, अपराधियों को उनके देश में जल्दी से जल्दी प्रत्यर्पित करने और घोटाले की राशि को रिकवर करने के लिए सहयोग बढ़ाने की जरूरी है

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भारत सरकार ने विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे आर्थिक अपराधियों की धर-पकड़ के लिए जी-20 सदस्य देशों की बैठक में 9 सूत्री एजेंडा रखा है. इस एजेंडे में कहा गया है कि घोटाला किए गए धन को प्रभावी तरीके से फ्रीज करना, अपराधियों को उनके देश में जल्दी से जल्दी प्रत्यर्पित करने और घोटाले की राशि को रिकवर करने के लिए सहयोग बढ़ाने की जरूरी है.

पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व टैक्स सिस्टम के दूसरे सेशन के वक्त यह एजेंडा पेश किया. इसमें आगे कहा गया है कि यूनाइटेड नेशंस कनवेंशन अगेंस्ट करप्शन (यूएनसीएसी) और यूनाइटेड नेशंस कनवेंशन अगेंस्ट ट्रांजेक्शनल ऑर्गेनाइज्ड क्राइम (यूएनओटीसी) से संबंधित अंतरराष्ट्रीय सहयोग को फिर से प्रभावी तरीके से लागू किया जाए. भारत ने आर्थिक अपराधियों के जी-20 देशों में प्रवेश और सुरक्षा दिए जाने से मना करने पर भी मकैनिज्म बनाने पर जोर दिया.

भारत ने सुझाव दिया कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) को कहा जाना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय मामलों मे सहयोग बढ़ाने के लिए और सूचनाओं के आदान-प्रदान करने की दिशा में प्राथमिकता के तौर पर काम करे.

इसमें कहा गया कि एफएटीएफ द्वारा भगोड़े आर्थिक अपराधियों के लिए एक पुख्ता परिभाषा बनानी चाहिए. एफएटीएफ द्वारा इन अपराधियों ने निपटने के लिए ऐसे अपराधियों की पहचान, प्रत्यर्पण और न्यायिक प्रक्रिया से संबंधित एक मानक प्रक्रिया भी बनानी चाहिए.

भारत ने अपने अनुभवों को एक-दूसरे से साझा करने के लिए एक कॉमन प्लेटफॉर्म बनाने की भी हिमायत की और कहा कि जी-20 फोरम को कोशिश करनी चाहिए कि जितने भी आर्थिक अपराधी हैं उनकी जितनी भी परिसंपत्तियां हैं वो जब्त करनी चाहिए.

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