“घर का जोगी जोगड़ा और आन गाँव का सिद्ध”

Jalandhar:

सियासी कलह आज कल मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। यह कलह सिर्फ पंजाब में ही नहीं बल्कि पडोसी राज्य हरियाणा में भी जारी है। पंजाब में आम आदमी पार्टी तथा सत्ताहीन हुई अकाली दल में घरेलु कलेश चल रहा है तो हरियाणा में इनेलो के अंदर । सभी  ने बाग़ी नेताओं को खुद्दे लाइन लगा दिया है। आम आदमी पार्टी के कलह में तो किसी की इतनी खास दिलचस्पी नहीं है लेकिन पंजाब की बात करें तो यहाँ अकाली दल में बगावत की खूब चर्चा हो रही है।

टकसाली नेताओं को बाहर करने के बाद भी सुखबीर कहते हैं की वह सभी नेताओं का आदर करते है। मतलब सम्मानपूर्वक विदाई की असफल कोशिश। अब रही बात पडोसी राज्य हरियाणा की। यहाँ पर चौटाला परिवार की इंडियन नैशनल लोक दल में घमासान मचा हुआ है। अब इत्तेफ़ाक़ देखिए दोनों दलों (अकाली और इनेलों ) के सत्ताधारी परिवारों (बादल और चौटाला ) की आपस में खूब पटती है। सरदार बादल के देवी लाल से लेकर ओम  प्रकाश चौटाला से गहरे संबंध रहे हैं। पता चला है कि  ओम  प्रकाश चौटाला की गैरमौजूदगी में सरदार प्रकाश सिंह बादल चौटाला बंधुओं में सुलह के प्रयास कर रहे है। इसमें कोई शक और बुराई भी नहीं। बादल साहिब बड़े हैं,सुलझे हुए देश के वयोवृद्ध नेता है  और ऐसा करना उनका फ़र्ज़ भी बनता है. सब ठीक है ,लेकिन बादल साहिब ऐसे प्रयास अपने घर में क्यों नहीं कर रहे।

उनके पुराने टकसाली साथी उनके ही बेटे तथा उसके साले से नाराज़ चल रहे हैं। आरोप लगे हैं की सुखबीर और मजीठिया पार्टी को अपनी मर्ज़ी से चला रहे हैं और टक्सालियों को नज़र अंदाज़ किया जा रहा है। ऐसे ही आरोप हरियाणा में है। फिर सरदार बादल पहले अपने ही घर में सुलह क्यों नहीं करवा पाए। अजय चौटाला -अभय चौटाला की तरह यहाँ भी सेखवां -अजनाला -ब्रह्पुरा से अगर एक बार मुलाकात कर लेते तो पार्टी की आज यह स्तिथि नहीं होती। अब सवाल यह है कि बादल साहिब खुद आगे नहीं आ रहे है या फिर टक्सालियों द्वारा लगाए जा रहे इल्ज़ाम सही हैं। पार्टी की कथित यंग ब्रिगेड उन्हें रोके हुई है। इसलिए हमने शीर्षक लिखा है ‘घर का जोगी जोगड़ा ,बाहर का जोगी सिद्ध’ .

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