
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 06 अक्टूबर :
नगर निगम की जनरल हाउस बैठक में हुए घटनाक्रम को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच टकराव गहराता जा रहा है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विजयपाल सिंह ने मेयर हरप्रीत कौर बबला पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने विपक्षी पार्षदों की आवाज़ को दबाने के लिए अपने संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है।
सिंह ने मेयर द्वारा पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी प्रशासक को भेजे गए पत्र को “गैर-संवैधानिक एवं अधिकारविहीन” बताते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई लोकतंत्र की मूल भावना के विपरीत है।
“जब-जब मेयर डरती हैं, मार्शल्स को आगे करती हैं”
विजयपाल सिंह के अनुसार, 30 सितंबर को हुई बैठक में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों ने नागरिकों से जुड़े मुद्दे — जैसे टूटी सड़कों, विकास कार्यों में देरी और पारदर्शिता की कमी — को उठाया था। परंतु इन सवालों का जवाब देने के बजाय, मेयर ने कथित रूप से मार्शल्स का उपयोग कर विपक्ष की आवाज़ को दबाने का प्रयास किया।
विकास कार्यों में बाधा और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप
आप ने यह भी आरोप लगाया कि शहर की वी-3, वी-5 और वी-6 श्रेणी की सड़कों के नवीनीकरण के लिए आवंटित राशि का गलत उपयोग किया गया है। मनीमाजरा की भूमि की नीलामी को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं, जहां पार्टी का कहना है कि नीलामी प्रक्रिया में “अनौपचारिक और असंवैधानिक तरीके” अपनाए गए।
कार्यवाही के रिकॉर्ड में गड़बड़ी, पारदर्शिता की मांग
पार्टी ने यह आशंका भी जताई कि मेयर कार्यालय द्वारा तैयार की गई बैठक की आधिकारिक कार्यवाही (मिनट्स) में तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया है। आप ने बैठक की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग सार्वजनिक करने की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके।
संवैधानिक प्रक्रिया की अवहेलना, मेयर से इस्तीफे की मांग
सिंह ने स्पष्ट किया कि राज्यपाल या प्रशासक को भेजा गया पत्र किसी पार्षद पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का संवैधानिक आधार नहीं बन सकता। ऐसी कोई भी कार्रवाई न केवल न्याय सिद्धांतों के विरुद्ध होगी, बल्कि राजनीतिक पक्षपात का उदाहरण भी बनेगी।
उन्होंने कहा कि यदि मेयर अपने आरोपों को प्रमाणित नहीं कर पातीं, तो उन्हें जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए और नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।
लोकतंत्र में सवाल उठाना अपराध नहीं
विजयपाल सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में सवाल पूछना जनप्रतिनिधियों का दायित्व है, न कि अपराध। उन्होंने यह भी दोहराया कि आम आदमी पार्टी पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और जनहित के लिए प्रतिबद्ध है, और किसी भी संस्थागत दुरुपयोग का विरोध करती रहेगी।