पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता है। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 07 जून 2025

नोटः आज निर्जला एकादशी व्रत वैष्णव है। चम्पक द्वादशी व्रत एवं पूजन है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को चंपक द्वादशी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष चम्पा द्वादशी 07 जून 2025 को मनाई जाएगी। इस तिथि में भगवन श्री विष्णु का पूजन होता है और भगवान की चंपा के फूलों से पूजा होती है। श्री कृष्णा को चंपा के फूल अति प्रिय हैं और इस दिन उनका श्रृंगार करने से वो प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित फल प्राप्त होता है।
विक्रमी सवत्ः 2082,
शक संवत्ः 1947,
मासः ज्येष्ठ,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः द्वादशी तिथि की वृद्धि है जो कि (रविवार को) प्रातः काल 07.18 तक है,
वारः शनिवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
नक्षत्रः चित्रा प्रातः काल 09.40 तक है, योग वरीयान प्रातः काल 11.17 तक है,
करणः बव,
सूर्य राशिः वृष, चन्द्र राशिः तुला,
राहू कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 05.27, सूर्यास्तः 07.14 बजे।