Sunday, May 25
  • पाकिस्तानी नागरिकों को अब 10 जून तक का मिला समय
  • लांग टर्म वीजा पर रह रहे हैं भारत में 
  • सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट का मिल रहा लाभ 
  • पिछले दो से तीन दशक में जिले में आए लगभग 170 पाकिस्तानी हिंदू 
  • अधिकतर को मिली भारतीय नागरिकता, 21 को है इंतजार

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 24 मई :

जम्मू कश्मीर के श्रीनगर पहलगांव में हुए नरसंहार से पहले जो लोग पाकिस्तान से हिंदुस्तान में किसी भी काम से आए थे, को तुरंत भारत छोड़ने के आदेश सरकार ने जारी कर दिए थे। पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद तथा पाकिस्तान से लगभग युद्ध की स्थिति पैदा होने के बाद राष्ट्रहित में तथा कूटनीति के तहत यह निर्णय सरकार द्वारा लिया गया था। इस निर्णय के बाद कुछ लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा तो कुछ लोग इस निर्णय से खुश भी थे। जो लोग खुश थे उन्हें लग रहा था कि अब जो अवैध रूप से या फिर  असामाजिक गतिविधियों में संलिप्त लोग हैं उन्हें देश छोड़ना पड़ेगा और यह भारत के लिए अच्छा रहेगा। सरकार के इस निर्णय के बाद तुरंत तमाम बॉर्डर बंद कर दिए गए और वीजा प्रक्रिया पर भी प्रतिबंध लग गया। पाकिस्तान से आए हुए जिन पाकिस्तानी नागरिकों के पास लॉन्ग टर्म वीजा था उनके वीजे भी रद्द कर दिए गए। भारत सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय अभी भी बरकरार है लेकिन जो पाकिस्तानी नागरिक लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत आए हुए हैं उन्हें अब 10 जून तक का समय वीजा विस्तार के लिए दिया गया है। इसके लिए उन्हें जरूरी दस्तावेज जिला प्रशासन में जमा करवाने होंगे और उसके बाद उनका वीजा विस्तार हो सकेगा। यह प्रक्रिया पाकिस्तान से आए गैर मुस्लिम के लिए है। सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट के चलते यह सब संभव हो सका है और इसी एक्ट का लाभ अब उन पाकिस्तानी नागरिकों को मिलने वाला है जो लॉन्ग टर्म वीजा लेकर यहां आए हुए हैं और उन्होंने यहां की नागरिकता के लिए भी आवेदन दिया हुआ है। यह सभी लोग खुश हैं और भारत सरकार का आभार व्यक्त कर रहे हैं। 

पाकिस्तान से आए लगभग 170 सदस्य हैं यमुनानगर में

मिली जानकारी के अनुसार पिछले दो से तीन दशक में लगभग दो दर्जन परिवार पाकिस्तान से यमुनानगर पहुंचे थे जिनमें से कुछ को तो भारत की नागरिकता मिल चुकी है और कुछ अभी इंतजार में है। पाकिस्तान से यमुनानगर पहुंची किशोरी बिरादरी के अध्यक्ष पुर्नचंद बहल, नानक चंद वैद्य, सुभाष भाटिया, कृपाल सिंह, चरण दास, दविंदर कौर, श्रेया तथा सुप्रिया आदि ने बताया कि लगभग दो दर्जन परिवारों के 170 सदस्य पिछले दो से तीन दशकों से यमुनानगर में रह रहे हैं। इनमें से अधिकतर को अनापत्ति प्रमाण पत्र के माध्यम से भारत की नागरिकता मिल चुकी है और अब यह कभी भी पाकिस्तान भी जा सकते हैं और वहां से वापस भारत आ सकते हैं। अब इन्हें पाकिस्तान जाने के लिए वीजा लेना होता है। 21 सदस्य ऐसे हैं जिन्हें अभी तक भारत की नागरिकता नहीं मिली है। भारत-पाक में तनाव की स्थिति को देखते हुए इन सभी को भी देश छोड़ने के आदेश जारी हुए थे लेकिन सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट के तहत अब इन सब पाकिस्तानी नागरिकों को 10 जून तक का समय दिया गया है। इन सभी के पास लॉन्ग टर्म वीजा है। 10 जून तक यह अपने सभी जरूरी दस्तावेज प्रशासन को जमा करवरकर अपना आवेदन करेंगे। इसके बाद इस एक्ट के तहत आने वाले हिंदू, बौद्ध, जैन आदि जो भी इस कानून में आते हैं को वीजा का विस्तार मिलेगा। इन सब की नागरिकता पर भी विचार किया जाएगा। इन लोगों का कहना है कि यह सभी भारत सरकार के आभारी हैं और यह चाहते हैं कि अब इन्हें भारत की नागरिकता मिले और यह स्थाई रूप से यहां रह सके। भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश देने के बाद इन सभी लोगों को विभिन्न माध्यम से यह जानकारी दी गई थी कि इन्हें अब 10 जून तक का समय दिया गया है। अब यह सभी परिवार खुश हैं और इन्हें उम्मीद ही नहीं यकीन है कि सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट के चलते इन्हें जल्द ही भारत की नागरिकता मिलेगी। इन सभी को भारत की नागरिकता के लिए जरूरी दस्तावेज जमा करवाने हैं और उसके बाद लगभग 6 माह में इन्हें भारत की नागरिकता मिल जाएगी। कई प्रकार के कागजात में कमी होने के कारण अभी तक इन्हें नागरिकता नहीं मिल सकी थी लेकिन अब इस कानून के तहत इन्हें जल्द ही नागरिकता मिल जाएगी। 

नागरिकता लेने के बाद नहीं जा सकेंगे पाकिस्तान

सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट के लागू होने से प्रदेश व शहर में रह रहे पाकिस्तान के नागरिक खुश है। पाकिस्तान से आए और भारत के नागरिक बने नानक चंद तथा पूर्ण चंद बहल ने बताया कि सीएए के तहत अब जिन लोगों को भारत की नागरिकता मिलेगी उनके लिए एक शर्त यह भी है कि वह भारत से पाकिस्तान नहीं जा सकेंगे। उन्हें इसी शर्त पर नागरिकता मिलेगी क्योंकि वह पाकिस्तान छोड़कर हिंदुस्तान आ चुके हैं और हिंदुस्तान ने उन्हें शरण दी है इसलिए वह अब नागरिकता लेने के बाद दोबारा पाकिस्तान नहीं जा सकेंगे। जिन लोगों को पहले एनओसी के आधार पर भारत की नागरिकता मिली है वह लोग वीजा लेकर पाकिस्तान जा सकते हैं। उनके लिए ऐसी कोई शर्त नहीं है। समय-समय पर यह लोग अपने किसी काम से या अपने रिश्तेदार व अन्य से मिलने एवं उनके कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए जाते भी रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि अब तो इनका पाकिस्तान में जाने का मन ही नहीं करता। जो लोग सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट के तहत सिटिजनशिप चाह रहे हैं उनका कहना है कि वह तो कभी भी पाकिस्तान का मुंह भी नहीं देखना चाहते।

फिलहाल नहीं जा सकते पाकिस्तान

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव व युद्ध की स्थिति के बाद कुछ लोगों को पाकिस्तान जाना था लेकिन वह नहीं जा सके क्योंकि सभी बॉर्डर बंद किए गए हैं। एंबेसी भी बंद कर दी गई है। कुछ लोगों का कहना था कि उन्हें अपने किसी काम से या फिर अपने रिश्तेदार को मिलने पाकिस्तान जाना था लेकिन हालात ऐसे पैदा हो गए कि वह जा नहीं सकते। बावजूद इसके यह सभी लोग इसमें भी खुश हैं। इन सब का कहना है कि इनके लिए अब भारत ही उनकी जान है और यह भारत को कभी भी एक पल के लिए भी छोड़ना नहीं चाहेंगे।