Saturday, May 24

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता है। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 24 मई 2025

नोटः आज श्री शनि प्रदोष व्रत है, तथा दोपहर 1.48 से पंचक समाप्त है।

प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 24 मई, शनिवार को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि प्रदोष व्रत के फल से शनि की साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव भी कम हो जाता है।

मई 2025 में, पंचक 20 मई को सुबह 7:35 बजे शुरू होकर 24 मई को दोपहर 1:53 बजे समाप्त होगा। 

विक्रमी सवत्ः 2082, 

शक संवत्ः 1947, 

मासः ज्येष्ठ, 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः द्वादशी सांय काल 07.21 तक है, 

वारः शनिवार। 

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

नक्षत्रः रेवती सांयः 01.48 तक है, 

योग, आयुष्मान अपराहन् काल 03.00 तक है, 

करणः कौलव, 

सूर्य राशिः वृष, चन्द्र राशिः मीन,

राहू कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,

सूर्योदयः 05.30, सूर्यास्तः 07.07 बजे।