Wednesday, May 21

तरसेम दीवाना, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हुशियारपुर, 20 मई  :

गर्मी के मौसम में बढ़ते तापमान के कारण गर्मी से होने वाली बीमारियों जैसे लू लगने से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सुझाव देते हुए सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. पवन कुमार शगोत्रा ​​ने लोगों से गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाने की अपील की है।

सिविल सर्जन ने कहा कि गर्मी से संबंधित बीमारियां उस स्थिति को कहते हैं जब आपका शरीर उच्च तापमान वाले वातावरण के संपर्क में आता है और खुद को ठंडा करने के लिए सामान्य रूप से प्रतिक्रिया करने में असमर्थ हो जाता है। इस स्थिति में सबसे गंभीर स्थिति को हीट स्ट्रोक कहा जाता है, जिसके लक्षणों में शरीर का तापमान 40°C/140°F से अधिक होना, बेहोशी/मानसिक भ्रम/भ्रम, चक्कर आना, सूखी व लाल त्वचा, अत्यधिक कमजोरी, तेज सिरदर्द, पसीना न आना, उल्टी होना आदि शामिल हैं। इस स्थिति में रोगी को तुरंत ठंडे, छायादार स्थान पर ले जाना चाहिए, प्राथमिक उपचार के उपाय जैसे कपड़ों को ढीला व कम करना, ठंडे पानी से छिड़काव करना, बर्फ/ठंडे पानी में भीगे तौलिए/कपड़े से शरीर को ठंडा करना, सिर, गर्दन, बगल, पेट व जांघों के बीच पंखा झेलना आदि करना चाहिए तथा यदि व्यक्ति होश में हो तो उसे थोड़ा-थोड़ा करके ओआरएस या ठंडा पानी पिलाना चाहिए। आगे के उपचार के लिए रोगी को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना बहुत जरूरी है ताकि उचित उपचार द्वारा रोगी की जान बचाई जा सके। यदि संभव हो तो मरीज को वातानुकूलित वाहन में अस्पताल ले जाना चाहिए। यदि मरीज को अस्पताल पहुंचाने में देरी हुई तो स्थिति खतरनाक हो सकती है।

जिला एपीडिमोलोजिस्ट डॉ. जगदीप सिंह ने बताया कि हीटस्ट्रोक व अन्य गर्मी जनित बीमारियों से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:-

● गर्म दिनों में, सूती और हल्के रंग के ढीले-ढाले कपड़े पहनें जो पसीने को सोखकर शरीर को ठंडा रखने में मदद करते हैं और कम गर्मी अवशोषित करते हैं।

● तेज धूप में काम करने/व्यायाम करने/खेलने से बचें। 

● दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे के बीच धूप में बाहर जाने से बचें।

● सीधे सूर्य की रोशनी से खुद को बचाने के लिए छाता, टोपी, तौलिया या स्कार्फ का उपयोग करें।

● मौसमी फल और सब्जियाँ खाएं जैसे तरबूज, संतरा, मौसमी फल, खीरा, टमाटर आदि, जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है।

● अपने साथ पानी की बोतल रखें और नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें। नींबू पानी, लस्सी और नारियल पानी का सेवन करें।

● शराब, चाय, कॉफी, शीतल और कार्बोनेटेड तथा अधिक मीठे पेय से बचें क्योंकि ये वास्तव में शरीर के तरल पदार्थों को समाप्त कर देते हैं।

● लंबे समय तक धूप में खड़े वाहन में बैठते समय सावधानी बरतें।

विशेषकर नवजात व छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के बुजुर्गों, मोटापे से ग्रस्त लोगों, मानसिक रूप से बीमार लोगों, शारीरिक रूप से बीमार लोगों, हृदय रोग या उच्च रक्तचाप वाले लोगों, अनियंत्रित मधुमेह के रोगियों या धूप में काम करने वाले मजदूरों, एथलीटों आदि को इस संबंध में अधिक जागरूक होने और सावधानी बरतने की आवश्यकता है।