Sunday, May 18

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 17 मई :

चौधरी देवी लाल शिक्षण संस्थान मे एक दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य विषय विकसित भारत 2047 के अंतर्गत शैक्षणिक विकास पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई और भारत की प्रगति के प्रमुख आयामों पर चर्चा की गयी।

कार्यक्रम का शुभारंभ  संस्थान के प्रशासक महोदय मनीष त्रिवेदी एवं माडर्न कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, संगरूर से आए प्रधानाचार्य डा॰ विजय कुमार राय द्वारा दीप प्रज्जवलित करके किया गया। राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कुरुक्षेत्र  विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के रजिस्टार डा वीरेंदर पाल द्वारा की गई। विशिष्ट अतिथि एंव विशेषज्ञ वक्ता के रूप मे एमएलएन कॉलेज, से सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ बी मदन मोहन एंव कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के डिप्टी रजिस्ट्रार डा जितेन्द्र जांगड़ा रहे। कॉलेज के प्रधानाचार्य डा विनोद कुमार ने सभी प्राध्यापको एव शोधर्थियों का स्वागत किया और कहा कि भारत को 2047 तक विकसित बनाना का एकमात्र साधन शिक्षा ही है। कॉलेज की प्रोफेसर डा सुषमा ने कहा कि विकसित भारत  2047 का उद्द्देश्य आजादी के 100 वें वर्ष यानी 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है।

संगोष्ठी का मंच संचालन डा ज्योति बलोदी और नीतू कुमारी द्वारा किया गया। इस आयोजित संगोष्ठी में आए शोधपत्रो एव विद्धानो के द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर रजिस्ट्रार डा॰ वीरेंदर पाल की अगुवाई मे हुईं बैठक के बाद इसमे निकले निष्कर्ष को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन के पास भेजा जाएगा। इसका उद्देश्य भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाने मे सेमिनार से जो अमृत निकला है उसका भी शिक्षा के क्षेत्र मे योगदान हो सके।

संगोष्ठी मे हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों के विषय विशेषज्ञ के रूप मे 110 प्राध्यापक, 45 शोधर्थियों, 250 विधयार्थियों ने पंजीकरण कराया। इस शोध संगोष्ठी में तकनीकी सत्र के साथ साथ एक ऑनलाइन स्तर भी संचालित किया गया जिसमे विभिन्न क्षेत्रों के अलग अलग शोधार्थियों द्वारा अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये गए। संगोष्ठी मे कॉलेज के प्राध्यापक डा ललित मोहन, आशु ग्रोवर, दीपमाला शर्मा, मणिकांत, जगबीर सिंह, प्रतिभा, चरण सिंह, बक्शीश कुमार एव सभी स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।