Saturday, May 3
  • यूटी खेल विभाग द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस पर सीएलटीए का जवाब आरटीआई के तहत मिला
  • “सीएलटीए ने स्वीकार किया है कि उसने अपने कैम्पस के अंदर एक कैफेटेरिया लीज़ पर दिया है, जो लीज समझौते के क्लॉज 7 और 9 का स्पष्ट उल्लंघन है”, स्पोर्ट्स एडवोकेट प्रसंग रहेजा·      
  • “सीएलटीए का जवाब दिखाता है कि वह अपने गलत कामों के लिए यूटी खेल विभाग पर जिम्मेदारी डालने की कोशिश बड़ी चालाकी से कर रहा है”, स्पोर्ट्स एडवोकेट प्रसंग रहेजा·        
  • “चंडीगढ़ प्रशासन की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए क्योंकि लंबे समय तक प्रशासन की ओर से किसी ने भी अनधिकृत सबलेटिंग का मुद्दा नहीं उठाया और न ही इस पर ध्यान दिया”, रहेजा ने कहा·        
  • स्पोर्ट्स मामलों के विशेषज्ञ एडवोकेट प्रसंग रहेजा ने कारण बताओ नोटिस और सीएलटीए के जवाब दोनों की प्रतियां, सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त की हैं

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 02 मई :

ये बताना महत्वपूर्ण है कि चंडीगढ़ प्रशासन के खेल विभाग ने चंडीगढ़ लॉन टेनिस एसोसिएशन(सीएलटीए)  को 31.1.2025 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें कई सारे सवाल पूछे गए थे। प्रशासन ने सीएलटीए मं लीज संबंधी नियमों के गंभीर उल्लंघनों के खुलासे के बाद ये नोटिस दिया था। इसमें सरकारी परिसर को अवैध तौर पर कमर्शियल उपयोग के लिए अनधिकृत रूप से किराए पर देना भी शामिल है। इस मामले को काफी दबाने का भी प्रयास किया गया लेकिन काफी प्रयासों के बाद चंडीगढ़ खेल विभाग द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस और सीएलटीए द्वारा 25 फरवरी, 2025 को नोटिस पर दिए गए जवाब की प्रति अब हासिल की गई है।

रहेजा ने आज जारी एक प्रेस रिलीज़ में इस उत्तर के एक हिस्से की ओर ध्यान आकर्षित किया, जिसमें लिखा है, “जैसा कि पहले बताया गया था, सीएलटीए ने सीएलटीए के ट्रेनीज और सीएलटीए द्वारा आयोजित एआईटीए और इंटरनेशनल टूर्नामेंटों में शाामिल होने वाले प्रतिभागियों को एनर्जी ड्रिंक्स/ रिफ्रेशमेंट्स और पौष्टिक भोजन प्रदान करने के लिए सीएलटीए परिसर में स्टेडियम बिल्डिंग के बाहर एक कैफेटेरिया का निर्माण किया है, जो एसोसिएशन के घोषित उद्देश्यों के भीतर है। सीएलटीए फंड से कैफेटेरिया बनाने का निर्णय 17 मई, 2002 को सीएलटीए की एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक में लिया गया था, जिसमें चंडीगढ़ प्रशासन का प्रतिनिधि भी मौजूद था। चंडीगढ़ के खेल विभाग के डायरेक्टर सीएलटीए की एग्जीक्यूटिव कमेटी एक्स-ऑफिशियो सदस्य हैं। इसलिए कैफेटेरिया बनाने और चलाने का निर्णय शुरुआत से ही प्रशासन की जानकारी में था।”

रहेजा ने कहा कि “इससे यह स्पष्ट है कि सीएलटीए 2002 से चंडीगढ़ प्रशासन और सीएलटीए के बीच लीज समझौते के क्लॉज 7 और क्लॉज 9 का स्पष्ट उल्लंघन कर रहा है, जो इस तरह के सबलेटिंग पर सख्ती से रोक लगाता है।”

सीएलटीए के जवाब के इस खास ‘हिस्से’ पर प्रतिक्रिया देते हुए रहेजा ने कहा, “इससे यह स्पष्ट है कि सीएलटीए ने स्वीकार किया है कि संबंधित कैफेटेरिया सीएलटीए परिसर में चल रहा है।” उन्होंने कहा, “इससे यह भी पता चलता है कि सीएलटीए के सभी प्रमुख अधिकारी इस मामले में घिरे हुए हैं और हताशा में वे अपनी खाल बचाने की बेशर्मी से कोशिश कर रहे हैं और अधिकारियों की कथित जागरूकता को स्पष्ट स्वीकृति बताते हुए अपने गलत कामों का दोष खेल विभाग पर मढ़ रहे हैं। इस तरह के बचाव कानूनी रूप से कोई आधार नहीं रखतें हैं  और प्रशासन सभी जिम्मेदार अफसरों की जवाबदेही तय करना यकीनी बनाए।”

रहेजा ने कहा, “मैं एक कदम आगे जाकर कहूंगा कि यह काफी आश्चर्यजनक है कि लंबे समय तक खेल विभाग या प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने कैफेटेरिया के अवैध सबलेटिंग के मुद्दे को नहीं उठाया, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि प्रशासन भी सीएलटीए के साथ इसकी पूरी मिलीभगत रखता है।”

यहां यह बताना उचित होगा कि जून 2024 में चंडीगढ़ प्रशासन के खेल विभाग द्वारा किए गए एक विभागीय ऑडिट में यह बात सामने आई थी कि सरकारी लीज पर दिए गए परिसर के एक हिस्से को सक्षम प्राधिकारी की बिना किसी मंजूरी के बिना एक निजी ऑपरेटर को  कैफेटेरिया चलाने के लिए जगह सबलेट कर दी गई थी । इसके परिणामस्वरूप विभाग द्वारा सीएलटीए को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

रहेजा ने कहा कि “लाइसेंस शुल्क लिया गया था और उसे विधिवत सीएलटीए खाते में जमा किया गया था, जिसे सीएलटीए ने अपने जवाब में स्वीकार कर लिया है। सीएलटीए का दावा है कि कमर्शियल उपयोग खेल के प्रसार और खिलाड़ियों के लिए है, अगर ऐसा है, तो चंडीगढ़ प्रशासन को कैफेटेरिया के अवैध कमर्शियल लीज से एकत्र किए गए धन और उन फंड्स के उपयोग के बारे में पूरी फोरेंसिक ऑडिट करानी चाहिए। इससे स्थिति स्पष्ट हो जाएगी – अगर सीएलटीए सच बोल रहा है, जो चैंपियन टेनिस खिलाड़ियों को तैयार करने में एसोसिएशन के खराब रिकॉर्ड को देखते हुए काफी संदिग्ध लगता है।”

उन्होंने ‘खिलाड़ियों को विकसित करने’ के बारे में सीएलटीए के दावों को खारिज करते हुए कहा कि जिन खिलाड़ियों का नाम लिया जा रहा है, उसमें से अधिकांश नाम या तो टेनिस छोड़ चुके हैं या अब अपने चुने हुए करियर में सक्रिय नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि सीएलटीए ‘धन की अनुपलब्धता’ पर मगरमच्छ के आंसू बहा रहा है, और यह लीज करार की क्लॉज 7 और 9 के गंभीर उल्लंघन से ध्यान हटाने का एक बेकार प्रयास है। उन्होंने कहा कि “चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा सभी प्रमुख फंड्स प्रदान किए जाते हैं, जिसमें सीएलटीए द्वारा प्रशासन को दिए गए रखरखाव के बिल भी शामिल हैं। उन्हें कॉरपोरेट्स से काफी अधिक स्पांसरशिप्स भी मिलते हैं, और प्रशासन एआईटीए टूर्नामेंटों के लिए भी भुगतान करता है।”

रहेजा ने अंत में कहा कि, “सीएलटीए विश्व स्तरीय खिलाड़ी तैयार करने में अपनी विफलता को छिपाने की कोशिश कर रहा है। प्रशासन को सीएलटीए के लीज़ समझौते को रद्द करना चाहिए और दो दशकों से अधिक समय से कमाई गई पूरी तरह से अवैध लाइसेंस फीस को वसूलना चाहिए। नियमों के उल्लंघन की अवधि के दौरान विभागीय अधिकारियों द्वारा संभावित लापरवाही या मिलीभगत की जांच के लिए एक आंतरिक जांच भी गठित की जानी चाहिए।”