पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 19 अप्रैल 2025
नोटः आज सूर्य सायन वृष राशि में प्रवेश करेंगे। ग्रीष्म ऋतु प्रारम्भ है। दफ्फरपुर, पंजाब में ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत 20 अप्रैल, 2025 को होगी। यह ग्रीष्म संक्रांति के बाद शुरू होता है, जो आमतौर पर 20 या 21 जून को होता है। ग्रीष्म ऋतु में दिन लंबे और गर्म होते हैं, और तापमान आमतौर पर 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहता है।
विक्रमी सवत्ः 2082,
शक संवत्ः 1947,
मासः वैशाख़
पक्षः कृष्ण,
तिथिः षष्ठी सांयः काल 06.23 तक है
वारः शनिवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें
नक्षत्रः मूल प्रातः काल 10.21 तक है,
योग , शिव़ रात्रि काल 12.52 तक है,
करणः वणिज,
सूर्य राशिः मेष, चन्द्र राशिः धनु,
राहू कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 05.55, सूर्यास्तः 06.46 बजे।