Saturday, April 19

100 वर्ष पूर्व पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा हरिद्वार में प्रज्वलित की गई पवित्र अखंड ज्योति के अंश स्वरूप की कलश यात्रा चण्डीगढ़ पहुंची

वायुमंडल के शोधन एवं पर्यावरण के परिशोधन द्वारा महाविनाश की संभावना को निरस्त किया जा सकता है : आचार्य सुखदेव शास्त्री

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 17 अप्रैल :

विश्व शांति एवं जन कल्याण हेतु युगतीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार से राष्ट्रीय स्तर पर भ्रमण के लिए निकली पावन पवित्र ज्योति कलश यात्रा यहाँ गाँव सारंगपुर स्थित नर्मदेश्वर महादेव शिव मन्दिर पहुंची जहाँ गायत्री मानस चेतना केन्द्र में भव्य स्वागत किया गया। गायत्री परिवार ट्रस्ट, चंडीगढ़ के मुख्य प्रबंधक ट्रस्टी उमा शंकर शर्मा ने बताया कि यह उस पवित्र अखंड ज्योति का अंश स्वरूप है जिसकी स्थापना अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने सन् 1926 में शांतिकुंज हरिद्वार में की थी। उन्होंने बताया कि सन् 2026 में अखंड ज्योति को युगद्रिष्टा स्वतंत्रता सेनानी आचार्य पंडित श्रीराम शर्मा द्वारा प्रज्वालित किए हुए 100 साल पूरे होने वाले हैं।

गायत्री मानस चेतना केन्द्र नर्मदेश्वर महादेव शिव मन्दिर सारंगपुर चंडीगढ़ के व्यवस्थापक यशपाल तिवारी ने बताया कि पवित्र ज्योति कलश यात्रा को चंडीगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचाया जा रहा है जहाँ गायत्री परिवार परिजनों एवं अन्य धार्मिक संस्थाओं और श्रद्धालुओं द्वारा भव्य स्वागत किया जा रहा है। ज्योति कलश के स्वरूप का परिचालन करने वालों में विशेष उमंग और उत्साह का भाव देखने को मिल रहा है। चंडीगढ़ गायत्री परिवार के मुख्य समन्वयक एवं मार्गदर्शक प्रकाश चंद शर्मा ने बताया कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए तथा वातावरण के प्रतिशोधन के लिए साधना संकल्प का यह उत्तम समय है। ज्योति कलश यात्रा सामूहिक यज्ञों, दीपयज्ञों तथा साधना अनुष्ठान आदि द्वारा दैवीय संस्कारों को जागृत करने के निमित्त है। गायत्री परिवार चंडीगढ़ युवा वर्ग के प्रभारी दलबीर सिंह ने गायत्री मानस चेतना केंद्र सारंगपुर में सामूहिक दीपयज्ञ के माध्यम से क्षेत्रीय युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी प्रतिभा को समझें और उसे अध्यात्मिक प्रयोग द्वारा और प्रखर करें। युवा शक्ति देश को उचित दिशा देने में पूर्णतः सक्षम है। गायत्री परिवार ट्रस्ट, चंडीगढ़ के मुख्य कोषाध्यक्ष मंगत राम शर्मा ने बताया कि मंगल ज्योति कलश यात्रा चंडीगढ़ में 18 अप्रैल तक रुकेगी। चंडीगढ़ के सारंगपुर में 108 दीपकों से सुशोभित सामूहिक दीपयज्ञ किया गया। शांति कुंज हरिद्वार से पधारे आचार्य सुखदेव शास्त्री जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि वायुमंडल के शोधन एवं पर्यावरण के परिशोधन द्वारा महाविनाश की संभावना को निरस्त किया जा सकता है। जय मधुसूदन जय श्री कृष्ण फाउंडेशन के संस्थापक और भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्त फ्लाइट इंजीनियर प्रसिद्ध पर्यावरण संरक्षक प्रभु नाथ शाही ने सामूहिक दीपयज्ञ के माध्यम से पर्यावरण की सुरक्षा पर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से संकल्प दोहराया कि पर्यावरण ही हमारा भगवान है इसलिए इसे बचाने के लिए हम सदा प्रयत्नशील रहेंगे।