Wednesday, April 16

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 16 अप्रैल 2025

नोटः आज श्री गणेश चतुर्थी व्रत है। आज सर्वार्थ सिद्धि योग  है। 

श्री गणेश चतुर्थी व्रत: श्री गणेश चतुर्थी व्रत गणेश जी को समर्पित है और साल में कई बार मनाया जाता है, लेकिन भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन गणेश जी की पूजा करके व्रत रखने से सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।

सर्वार्थ सिद्धि योग: सर्वार्थ सिद्धि योग, हिंदू पंचांग के मुताबिक, एक शुभ योग है। यह योग, वार और नक्षत्र के संयोग से बनता है। इस योग में किए गए काम सफल होते हैं और व्यक्ति को धन, यश, स्वास्थ्य, सुख, और समृद्धि मिलती है।

विक्रमी सवत्ः 2082, 

शक संवत्ः 1947, 

मासः वैशाख़ 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः तृतीया दोहपरः काल 01.18 तक है, 

वारः बुधवार।

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः अनुराधा अरूणोदय काल 05.55 तक है, 

योग  व्यातिपात़ रात्रि काल 12.18 तक है, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः मेष, चन्द्र राशिः वृश्चिक, 

राहू कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,

सूर्योदयः 05.58, सूर्यास्तः 06.44 बजे।