Monday, March 17

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 17 मार्च 2025

गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है किन्तु महाराष्ट्र व कर्नाटका में बडी़ धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेशजी की पूजा की जाती है।  कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है।

नोटः आज श्री गणेश चतुर्थी व्रत एंव पूजन हैं। तथा श्री सूर्य उभा में। एवं वक्री बुध पश्चिम में अस्त है।

विक्रमी सवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः चैत्ऱ 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः तृतीया सांय काल 07.34 तक है, 

वारः सोमवार। 

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही, शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः चित्रा दोपहर काल 02.47 तक है, 

योग धु्रव अपराहन् काल 03.45 तक है, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः मीन, चन्द्र राशिः तुला, 

राहू कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,

सूर्योदयः 06.33, सूर्यास्तः 06.27 बजे।