Wednesday, March 12

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 12 मार्च 2025

नोटः आज माहेश्वर व्रत है। महेश्वर व्रत का आधार त्रयोदशी की रात्रि से आरंभ हो जाता है। इस दिन से ही शुद्धता एवं ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। सृष्टि के कण-कण में विराजमान भगवान महेश्वर का अशीर्वाद पाना अत्यंत ही सुलभ एवं सहज कार्य होता है। भगवान शिव का महेश्वर रूप भक्तों का कल्याण करता है।

विक्रमी सवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः फाल्गुऩ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिःत्रयोदशी प्रातः काल 09.12 तक है, 

वारः बुधवार।

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः मघा रात्रि काल 04.06 तक है, 

योग सुकृत़ दोपहर काल 01.00 तक है, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः कुम्भ, चन्द्र राशिः सिंह,

राहू कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,

सूर्योदयः 06.38, सूर्यास्तः 06.24 बजे।