Saturday, March 1

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 01 मार्च 2025

नोटः आज फूलेरा दूज (मथुरा वृन्दावन) तथा श्री रामकृष्ण परम हंस जयंती है।

फुलेरा दूज को अबूझ मुहूर्त के रूप में जाना जाता है, जिसका तात्पर्य है कि इस दिन किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता के बिना विवाह और मांगलिक कार्य संपन्न किए जा सकते हैं। इस दिन विवाह करना भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है, जिससे दांपत्य जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है।

हिन्दी पंचांग के अनुसार रामकृष्ण परमहंस का जन्म फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर हुआ था। इस साल ये तिथि आज है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से परमहंसजी का जन्म 18 फरवरी 1836 को बंगाल के कामारपुर में हुआ था। उनकी मृत्यु 16 अगस्त 1886 को कोलकाता में हुई थी।

विक्रमी सवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः फाल्गुऩ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः द्वितीया रात्रि काल 12.10 तक है, 

वारः शनिवार।

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

नक्षत्रः पूर्वाभाद्रपद प्रातः काल 11.23 तक है, 

योग साध्य सांय काल 04.25 तक है, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः कुम्भ, चन्द्र राशिः मीन,

राहू कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,

सूर्योदयः 06.50, सूर्यास्तः 06.17 बजे।