Friday, February 28

बीजेपी सरकार में हो रहे हैं भर्ती से लेकर स्कूल बोर्ड तक के पेपर लीक- हुड्डा

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 27 फ़रवरी :

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि हरियाणा में पेपर लीक और घोटालों की सरकार चल रही है। बीजेपी सरकार के दौरान स्कूल बोर्ड से लेकर भर्ती तक, ग्रुप-डी से लेकर एचसीएस तक के पेपर लीक हुए हैं। अब 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा का पेपर लीक होने से स्पष्ट है कि इस सरकार में पेपर लीक माफिया हर स्तर पर अपना वर्चस्व जमा चुका है। ऐसा लगता है कि सरकार को बीजेपी नहीं, बल्कि पेपर लीक माफिया चला रहा है।

कुछ दिन पहले ही पेपर घोटालों की कड़ी में नया नाम रोहतक विश्वविद्यालय एमबीबीएस पेपर का जुड़ा था। पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज में उजागर हुए एमबीबीएस पेपर घोटाले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। जिन पेपरों में गड़बड़ थी, उन्हें गायब कर दिया गया। पेपर पास करवाने के लिए हर सब्जेक्ट के लिए छात्रों से 3-5 लाख रुपए लिए जा रहे थे। पेपर में धांधली को अंजाम देने के लिए ऐसे पेन का इस्तेमाल होता था, जिसकी स्याही को सुखाकर बाद में साफ कर दिया जाता था। इसके लिए पेपर की कॉपी तक यूनिवर्सिटी से बाहर भेजी जाती थी और वहां सही जवाब लिखकर, ये दोबारा केंद्र में जमा करवा दी जाती थी। यह धांधली सिर्फ एमबीबीएस के पेपर में ही नहीं बल्कि एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स पेपर में भी कार्रवाई हो रही थी।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इस सरकार के तमाम पेपर लीक घोटालों की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। ये मांग कांग्रेस ने सड़क से लेकर विधानसभा तक हर स्तर पर उठाई। लेकिन सरकार हमेशा जांच से भागती नजर आई। क्योंकि उसे भी पता है कि जिस दिन इसकी जांच होगी तो कई बड़े मगरमच्छ भी शिकंजे में फंस सकते हैं।

हुड्डा ने कहा कि यह बीजेपी सरकार का कोई पहला पेपर घोटाला नहीं है। इससे पहले भी ये सरकार दर्जनों पेपर और भर्ती घोटालों को अंजाम दे चुकी है। इस सरकार के दौरान रोहतक एमबीबीएस, एचसीएस (2023), सीईटी (2023), एसआई भर्ती (मार्च 2022), डेंटल सर्जन (दिसंबर 2021), पुलिस कांस्टेबल भर्ती (अगस्त 2021), ग्राम सचिव भर्ती (12 जनवरी 2021), क्लर्क भर्ती पेपर लीक (दिसंबर 2016), क्लर्क भर्ती (बिजली विभाग), एक्साइज इंस्पेक्टर (दिसंबर 2016), एग्रीकल्चर इंस्पेक्टर (जुलाई 2017), कंडक्टर भर्ती पेपर (सितंबर 2017), ITI इंस्ट्रक्टर भर्ती पेपर लीक, आबकारी इंस्पेक्टर पेपर लीक, नायब तहसीलदार भर्ती पेपर लीक, PTI भर्ती परीक्षा पेपर लीक, HTET पेपर लीक (नवम्बर 2015), केंद्रीय विद्यालय संगठन प्राइमरी टीचर पेपर लीक (अक्टूबर 2015), असिस्टेंट प्रोफेसर कॉलेज पेपर भर्ती घोटाला (फरवरी 2017), बी फार्मेसी पेपर लीक घोटाला (जुलाई 2017), जैसे अनगिनत पेपर लीक और भर्ती घोटाले हुए हैं।

इतना ही नहीं ताबड़तोड़ पेपर लीक के बाद इस सरकार ने सवाल कॉपी पेस्ट करके पेपर लीक का नया तरीका भी निकाला, वो है पेपर कॉपी। उदाहरण के तौर पर सीईटी की मुख्य परीक्षा में ग्रुप-56 और ग्रुप-57 का पेपर कॉपी करके लीक किया गया। 100 में से 41 सवाल जो 6 अगस्त के पेपर में आए, वो 7 अगस्त के पेपर में रिपीट हो गए, यानी पेपर लीक का नया तरीक़ा है। बीजेपी सरकार के दौरान ही HPSC में पैसों के साथ पकड़े गए अधिकारी से लेकर HSSC में रिजल्ट बदलते पकड़े गए कर्मचारी पकड़े गए। एचपीएसी के डिप्टी सेक्रेटरी को नवंबर 2021 को 90 लाख रुपये के साथ पकड़ा गया था। इसके बाद करीब उनके पास से पौने 3 करोड़ रुपये बराबद हुए। साल 2018 में HSSC ऑफिस में रिजल्ट के साथ छेड़छाड़ के आरोप में 5 लोगों को पकड़ा गया था।

अन्य घोटालों की बात करें तो बीजेपी सरकार के 10 साल के दौरान हरियाणा में सरकारी एंबुलेंस घोटाला(सीएजी रिपोर्ट), दवाई खरीद घोटाला(सीएजी रिपोर्ट), मनरेगा घोटाला, FPO घोटाला, सहकारिता घोटाला, शराब घोटाला, जहरीली शराब घोटाला, CAG आबकारी घोटाला, HSSC भर्ती घोटाला, HPSC घोटाला, पेपर लीक घोटाला, कैश फॉर जॉब, डाडम खनन घोटाला, नूंह खनन घोटाला, यमुना खनन घोटाला, ग्वाल पहाड़ी घोटाला, प्रोपर्टी ID घोटाला, धान घोटाला, चावल घोटाला, बाजरा खरीद घोटाला, राशन घोटाला, सफाई फंड घोटाला, रोडवेज किलोमीटर स्कीम घोटाला, HTET घोटाला, छात्रवृति घोटाला, फसल बीमा योजना घोटाला, बिजली मीटर खरीद घोटाला, मेडिकल सामान ख़रीद घोटाला, शुगर मिल घोटाला, अमृत योजना घोटाला, सड़क निर्माण घोटाला, स्टेडियम निर्माण घोटाला, फैमिली आईडी घोटाला, आयुष्मान योजना घोटाला, गुरुग्राम नगर निगम घोटाला,  फरीदाबाद नगर निगम घोटाला इत्यादि इत्यादि अनगिनत घोटाले हो चुके हैं। लेकिन लगभग सभी घोटालों की जांच पर सरकार कुंडली मारकर बैठ गई और जिन मामलों में जांच के आदेश हुए, उनकी रिपोर्ट भी आजतक सार्वजनिक नहीं हुई।