Tuesday, February 11

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 11 फरवरी 2025

विक्रमी सवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः माघ़ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः चतुर्दशी सांयः काल 06.56 तक है, 

वारः मंगलवार। 

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन, मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

नक्षत्रः पुष्य सांय काल 06.34 तक है, 

योग आयुष्मान प्रातः काल 09.06 तक है, 

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः मकर, चन्द्र राशिः कर्क,

राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,

सूर्योदयः 07.07, सूर्यास्तः 06.04 बजे।