पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 05 फरवरी 2025
नोटः आज भीष्म अष्टमी है। सनातन शास्त्रों की मानें तो माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर महाभारत के महान योद्धा भीष्म पितामह ने अपने शरीर का त्याग किया था। इसके लिए हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर एकोदिष्ट श्राद्ध किया जाता है। इस शुभ अवसर पर भीष्म अष्टमी मनाई जाती है।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः माघ़
पक्षः शुक्ल,
तिथिः अष्टमी रात्रिः काल 12.36 तक है,
वारः बुधवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः भरणी रात्रिः काल 08.33 तक है,
योग शुक्ल रात्रिः काल 09.19 तक है,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः मकर, चन्द्र राशिः मेंष,
राहू कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 07.11, सूर्यास्तः 06.00 बजे।