आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हुए थे आईएएस एमएल वर्मा और उनका परिवार
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 31 जनवरी :
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव रहे आईएएस एमएल वर्मा और उनके परिवार की शहादत को 1 फरवरी को आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में याद किया जाता है। इस दिन पूरे प्रदेश में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें मुख्य कार्यक्रम यमुनानगर के ललहाड़ी कलां गांव में होगा।
यात्रा के दौरान आतंकियों ने बरसाईं थीं गोलियां
करीब 32 साल पहले, 1 फरवरी 1992 को एमएल वर्मा अपने परिवार के साथ चंडीगढ़ से यमुनानगर स्थित पैतृक गांव ललहाड़ी कलां जा रहे थे। जैसे ही उनकी गाड़ी शहजादपुर के पास गांव कक्कड़माजरा के नजदीक पहुंची, आतंकवादियों ने अचानक हमला कर दिया। गोलियों की बौछार में एमएल वर्मा, उनकी पत्नी प्रीति वर्मा, बेटे गौरव और सौरभ, गनमैन सतवीर सिंह और ड्राइवर राजबीर सिंह की मौके पर ही मौत हो गई।
एमएल वर्मा : प्रशासन और सुशासन का मजबूत स्तंभ
एमएल वर्मा एक समर्पित और निष्ठावान अधिकारी थे, जिनका प्रशासनिक कौशल और अनुशासन उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल का विश्वसनीय अधिकारी बनाता था। वे हरियाणा में एसवाईएल नहर, चंडीगढ़ की स्थिति और अन्य महत्वपूर्ण मामलों की पैरवी कर रहे थे, जिससे आतंकवादियों और विरोधियों को नाराजगी थी। उन्हें सरकार की ओर से निर्णय लेने की स्वतंत्रता प्राप्त थी, जो कट्टरपंथियों को स्वीकार नहीं थी।
ललहाड़ी कलां में बने बलिदानी स्मारक पर होगा मुख्य कार्यक्रम
हर साल की तरह इस बार भी ललहाड़ी कलां में एमएल वर्मा और उनके परिवार की याद में बलिदानी दिवस कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारी, राजनेता और आमजन उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
एमएल वर्मा के छोटे भाई संजीव वर्मा, जो वर्तमान में पंचकूला ने खेल एवं आयुष निदेशक हैं, ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी ललहाड़ी कलां में एमएल वर्मा और उनके परिवार की याद में बलिदानी दिवस कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा
हरियाणा के कई जिलों में एमएल वर्मा के शुभचिंतक और समर्थक उनकी पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित करते हैं। उनका बलिदानी स्मारक आज भी आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष और प्रशासनिक कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक बना हुआ है। यहां पूरे हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर एमएल वर्मा, उनके परिवार, गनमैन और चालक को श्रद्धांजलि दी जाएगी। उनका बलिदान यह याद दिलाता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट रहना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।