Wednesday, January 22
  • चयन कमेटी द्वारा प्रतिभाओं को मौका दिए जाने से भारतीय टीम ने जीता देश के लिए सोना
  •  मुन्नी जून में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को चयन के माध्यम से दिया मौका 

मुनिश सलूजा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार, 21 जनवरी  :

भारतीय खो खो टीम ने विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाने का काम किया पहले ही विश्व कप में भारत की शानदार जीत के साथ खाता खुला है। हालांकि इससे पूर्व कभी खो-खो का विश्व कप या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता नहीं हो रही थी लेकिन भारतीय खो-खो महासंघ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई और प्रतिभावान खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका दिया।

चयन कमेटी में मुन्नी जून जो भारतीय टीम की प्रशिक्षक भी है उन्होंने भी अच्छे खिलाड़ियों का चयन किया जिस कारण आज भारत का डंका बजा और बिठमडा जैसे गांव की बेटी को भी विश्व कप में खेलने का मौका मिला। हालांकि बेटी मीनू धतरवाल वैश्य महाविद्यालय रोहतक की छात्रा है और वहां पर बीए प्रथम वर्ष में अपनी शिक्षा ग्रहण कर रही है भारतीय खो खो टीम की प्रशिक्षक एवं चयन कमेटी की सदस्य मुन्नी जून भी रोहतक से संबंध रखती है। मुन्नी जून ने खेल को अधिक ऊंचाई तक ले जाने के लिए मेहनती व प्रतिभावान खिलाड़ियों को मौका दिया ।हालांकि भारतीय खो खो महासंघ द्वारा विश्व कप के लिए 60 लड़के तथा 60 लड़कियों का प्रशिक्षण शिविर लगाया गया था इस प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से मात्र 15 खिलाड़ी चुने गए जिन्होंने भारत के लिए सोना जीतने का काम किया यह प्रशिक्षण शिविर 8 दिसंबर से दिल्ली में आयोजित था। भारतीय खो खो  महासंघ एवं चयन कमेटी ने भी भारत की जीत के लिए अच्छे खिलाड़ियों का चयन किया तभी आज पुरुष तथा महिला वर्ग दोनों में स्वर्ण पदक हासिल करने का काम भारतीय टीम ने किया। हालांकि भारतीय खो खो महासंघ एवं भारतीय खो-खो टीम की प्रशिक्षक मुन्नी जून को भी विशेष बधाई दी जा रही है क्योंकि मुन्नी जून में भारतीय टीम को प्रतिदिन प्रशिक्षण के दौरान निखार लाने में अपना हम योगदान दिया जिस प्रकार खिलाड़ियों को विश्व कप जीतने के बाद में सरकार द्वारा सम्मान मिलेगा। ऐसे ही भारतीय टीम की प्रशिक्षक को भी विशेष सम्मान दिया जाएगा। जिसके लिए मुन्नी जून एवं भारतीय खो-खो महासंघ बधाई की पात्र होगी। भारतीय खो खो टीम की प्रशिक्षक मुन्नी जून के दिशा निर्देशन में भारतीय खो-खो टीम ने एशियाई प्रतियोगिता में भी स्वर्ण पदक हासिल गत वर्ष किया था और उन्हीं के दिशा निर्देशन एवं प्रशिक्षण में आज विश्व कप भी जीतने का काम किया है।

मुन्नी जून ने हरियाणा टीम को अपना विशेष प्रशिक्षण दिया तभी हरियाणा की विशेष पहचान बनी और आज देश की टीम के लिए है अपना प्रशिक्षण दे रही है तो देश की टीम भी स्वर्ण पदक लाने का काम कर रही है।

भारतीय खो खो टीम की प्रशिक्षक मुन्नी  ने भारतीय खो खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल महासचिव एस त्यागी प्रदेश महासचिव महेंद्र कंबोज एवं जिला महासचिव मोनू दलाल को शुभकामनाएं दी और उन्होंने कहा कि एक अच्छे प्रशिक्षण के लिए उनकी जिम्मेदारी दी गई है उनको उन्होंने बखूबी निभाया है भविष्य में आगे भी मौका देंगे तो भारतीय टीम को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने का काम किया जाएगा।

 राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से भारतीय टीमों को मिलेगा सम्मान

 भारतीय खो खो टीम को विश्व कप जीतने के बाद में देश की राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू पुरुष महिला वर्ग की टीमों को विशेष सम्मान देने जा रही है और उस उपरांत  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दोनों टीमों से मिलकर अपना आशीर्वाद देने का काम करेंगे।

ओलंपिक में एशिया में अगर खो-खो खेल शामिल होगा तो भारत के लिए सोना आने में आसानी होगी क्योंकि भारतीय संस्कृति से जुड़ा हुआ खेल है अभी तक जो भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं हुई है उन सब में स्वर्ण पदक भारत में जितने का काम किया है क्योंकि चार बार एशियाई प्रतियोगिता हो चुकी है दो बार साउथ एशियाई प्रतियोगिता चार बार टेस्ट मैच हो चुके हैं साउथ एशिया एशिया चैंपियनशिप 2019 में नेपाल में हुई थी प्रतियोगिता जो असम में 2023 में हुई थी जहां भारत और नेपाल के मध्य मैच हुआ था और उसमें भी स्वर्ण पदक हासिल करने का काम किया।

खो खो खेल के खिलाड़ियों को देश के लिए सोना है पसंद भारतीय खो खो टीम जब से अंतरराष्ट्रीय माचो में खेलने लगी तभी से देश को सोना जीतवाने  का काम कर रहे हैं वहीं भारतीय टीम की प्रशिक्षक मुनी जून ने कहा कि 2036 की ओलंपिक खेलों में खो-खो खेल को सम्मिलित किया जाएगा और ओलंपिक में भी स्वर्ण पदक भारतीय टीम लेकर के आएगी। उन्होंने कहा कि भारत के खिलाड़ियों ने धरती से जुड़े होने के बाद आज मैट पर भी सोना जीतने की कसर नहीं छोड़ी और देश को सोना जितवाएगे आने वाले समय में भी देश के खिलाड़ी पीछे नहीं हटेंगे ।