Saturday, January 11

चंडीगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट और जय मधुसूदन जय श्री कृष्ण फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 का भव्य आयोजन

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  10   जनवरी :

चंडीगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (CIHM) नेराष्ट्रीय युवा दिवस 2025 के अवसर पर “हमारा पर्यावरण, हमारा भविष्य” थीम पर जय मधुसूदन जय श्री कृष्ण फाउंडेशन के सहयोग से एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करना और स्वामी विवेकानंद की जयंती को उत्साहपूर्वक मनाना था।  

कार्यक्रम की शुरुआत CIHM के प्रिंसिपल विशाल कालिया के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने युवाओं की भूमिका पर जोर देते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उनके योगदान की सराहना की। इसके बाद अंतिम वर्ष के छात्रों ने एक आकर्षक प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने अपने कॉलेज की उपलब्धियों के साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया।  

इसके पश्चात जय मधुसूदन जय श्री कृष्ण फाउंडेशन के निदेशक श्री प्रभुनाथ शाही ने मंच का संचालन किए और युवाओं के सशक्तिकरण एवं पर्यावरणीय जिम्मेदारी पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में के.पी. सिंह, डॉ. रुपेश सिंह और *सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी डॉ. आर.सी. मिश्रा जैसे सम्मानित अतिथियों ने अपने प्रेरणादायक विचार व्यक्त किए।प्राचार्य विशाल कालिया और फाउंडेशन के पर्यावरण कार्य प्रमुख डॉ रितु गुप्ता और सह प्रमुख दीपक शर्मा ने अतिथियों को पौधा और स्मृतिचिह्न से सम्मानित किए।

मुख्य अतिथि चंडीगढ़ के उप वन संरक्षक नवनीत श्रीवास्तव ने मंच पर आकर छात्रों को पर्यावरण की रक्षा और एक बेहतर भविष्य के निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित किया।  कार्यक्रम में पर्यावरण के कार्यो के प्रति समर्पित ट्राइसिटी के विशेष सहयोगियों डॉ रीना चड्ढा,अजय दूबे,यशपाल तिवारी,सुरेश जैन,दीपक गर्ग,नीरज मेहता,अर्पित दुबे,संजय कुमार,आर एस यादव,रजनीश राणा और प्रताप सिंह कौशल का सप्रेम पौधा देकर सम्मान किया गया।

कार्यक्रम का समापन CIHM के विभागाध्यक्ष डॉ. जे.पी. कांत द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी अतिथियों, छात्रों और फैकल्टी सदस्यों का उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए आभार व्यक्त किया। इसके बाद कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।  

यह कार्यक्रम न केवल स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को श्रद्धांजलि देने का अवसर बना, बल्कि युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत भी रहा कि वे एक हरित और बेहतर भविष्य के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं।