तुरन्त गिरदावरी करवा 20000 रुपये प्रति एकड़ अन्तरिम और नुकसान के अनुसार 30000 रुपये प्रति एकड़ तक मुआवजा दे सरकार।


बीमा कंपनियों के दबाव में सरकार नहीं करवा रही स्पेशल गिरदावरी।
कांग्रेस की सरकार बनते ही किसानों का होगा कर्जा माफ।


चण्डीगढ 13 अक्तुबर, 2018

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने आज अम्बाला से उनके चण्डीगढ़ निवास स्थान पर आए किसानों से पिछले दिनों हुई भारी वर्षा और औलावृष्टि के कारण बर्बाद हुई फसल के बारे में जानकारी ली। अम्बाला एवं अन्य जि़लों में किसानों की बर्बाद हुई फसल, बारिश के कारण उत्पन्न बाढ़ जैसी स्थिति और खेतों में जलभराव की वजह से किसानों के ऊपर संकट के बादल छा गये हैं। हुड्डा ने कहा कि सरकार बिना देरी और भेदभाव के विशेष गिरदावरी के आदेश दे तथा किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करे।
हुड्डा ने किसानों का दर्द सांझा करते हुए कहा कि आने वाले समय में हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी और पहले की तरह किसानों का कर्जा माफ़ करने के साथ-साथ उनके हित में कई कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने सरकार के समक्ष माँग रखी कि खरीफ की फसल की तुरन्त गिरदावरी करवा कर कम से कम 20000 रुपये प्रति एकड़ अन्तरिम और नुकसान के अनुसार 30000 रुपये प्रति एकड़ तक निर्धारित कर किसानों को राहत दी जाये। जिन किसानों के खेतों में जल भराव हो गया है उनकी जमीन से पानी निकालने का काम युद्धस्तर पर किया जाये ताकि अगली फसल की बुवाई से पूर्व पानी पूरी तरह निकाला जा सके।
उन्होंने आगे कहा कि एक ओर तो बरसात से फसल खराब हो चुकी है और दूसरे सरकार द्वारा कोई ठोस कदम ना उठाने के कारण किसानों को अपने खर्च पर ही पानी निकालने की व्यवस्था करनी पड़ रही है, जिस कारण किसान पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है, इससे किसान को दोहरी मार लगी है। सरकार को नहीं मालूम कि बाजरे और धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दामों पर खरीद हो रही है। हुड्डा ने कहा कि किसानों को हुए नुकसान के मद्देनजर सरकार तुरन्त धान व कपास की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करना सुनिश्चित करे। कांग्रेस पार्टी किसानों की अनदेखी सहन नहीं करेगी।
हुड्डा ने कहा कि किसान के साथ-साथ मजदूर पर भी जबरदस्त मार पड़ी है। क्योंकि गांवों में किसान और मजदूर की आजीविका के दो ही साधन हैं – खेती और पशुपालन। इन दोनों पर प्रकृति की मार पड़ी है, साथ में बीजेपी सरकार ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। आज कल मुंह-खुर और गलघोटु बीमारी से दुधारू पशू भी मर रहे हैं, जिससे किसान और मजदूर को चौतरफा मार झेलनी पड़ रही है। हमने अपने कार्यकाल में दुधारू पशु की फ्री में बीमा योजना शुरु की थी, जो इस सरकार ने बंद कर दी है, जिसका खामियाजा मजदूर और किसान भुगत रहा है। इस बेदर्द सरकार ने किसान और मजदूर की बिलकुल कमर तोड़ दी है। हम दुधारू पशु के मरने पर भैंस के लिए 50 हज़ार और बकरी के लिए 20 हज़ार रुपये देते थे। कोई हादसा होने पर किसान या मजदूर दोबारा पशु खरीद सकता था। हमारे कार्यकाल की स्कीम को दोबारा लागू किया जाए।
हुड्डा ने सरकार पर कड़ा हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों के खातों से जबरन पैसा काट कर भाजपा सरकार ने बिना बोली लगाये बीमा कंपनियों की तिजोरियाँ में 23 हजार करोड़ रूपया भरने का काम किया है और बीमा कंपनियों के दबाव में स्पेशल गिरदावरी के आदेश नहीं दिये जा रहे हैं। किसानों के प्रति सहानुभूति प्रकट करते हुए हुड्डा ने कहा कि जितना नुकसान किसान की फसल का खेत में हुआ है उतना ही नुकसान मंडियों में बिक्री के लिए लाई गई फसल का पानी में भीगने की वजह से भी हुआ है, जिसकी मार किसान के साथ-साथ व्यापारी वर्ग पर भी पड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार इस नुकसान का जायजा ले और किसानों व व्यापारियों के नुकसान की भरपाई करे।
हुड्डा ने कहा कि झूठे वायदे करके देश और प्रदेश में भाजपा ने सत्ता हासिल की और चार साल बीत जाने के बाद आज तक एक भी वायदा पूरा नहीं किया बल्कि उनके जन विरोधी फैसलों के कारण हर वर्ग में त्राहि-त्राहि मची हुई है, जिससे समाज का हर वर्ग दुखी है।

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