बेलगढ़ में यमुना नदी के तटबंध कार्यों में बर्ती जा रही लापरवाही

भविष्य में सैकड़ों गांव आ सकते हैं बाढ़ की चपेट मे

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, छछरौली, 22      अक्टूबर :

बेलगढ़ में यमुना नदी किनारे तटबंध को पक्का करने के लिए चल रहे निर्माण कार्य में सिचाई विभाग व कार्य कर एजेंसी की तरफ से बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। बेलगढ़ तटबंध पर किए जा रहे कंक्रीट कार्य में ना तो वाइब्रेटर का इस्तेमाल किया जा रहा है ओर ना ही लेबल सही किया जा रहा है। यही नहीं जिस जगह पर यह कार्य किया जा रहा है वहां पर सिंचाई विभाग का जेई भी मौजूद नहीं है। करोड़ों रुपये का कार्य ओर उसकी गुणवत्ता लेबर व राम भरोसे की जा रही है। जिससे अंदेशा बना हुआ है कि यमुना नदी के तटबंध एक बार कटाव के कारण बह सकते हैं ओर क्षेत्र के सैंकडो गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं।

ज्ञात हो कि पिछले वर्ष बेलगढ में यमुना नदी के तटबंध यमुना में हुए अवैध खनन के कारण क्षतिग्रस्त होकर टूट गये थे। उस समय प्रशासन ने आनन फानन में तटबंधों पर मिट्टी के बैग इत्यादि लगाकर किनारों को कुछ हद तक रोका था। यमुना के किनारों में पूरी तरह कटाव होकर आलम ये हो गया था किसी भी समय यमुना का पानी आबादी की तरफ रूख कर ता है। जिसकी वजह से ग्रामीणो व प्रशासन की सांसें अटकी हुई थी। सरकार ने क्षतिग्रसत तटबंध को पक्का कंक्रीट का बनाने के लिए 24 करोड़ का बजट पास किया था। सरकार द्वारा जारी बजट से अब यमुना नदी के तटबंध को पक्का कंक्रिट का बनाने के लिए निर्माण कार्य चल रहा है। जिसमें जमकर लापरवाही बरती जा रही है। तटबंध बनाने में लेबर लगी हुई है। मौके पर ना तो सिंचाई विभाग का जेई है ओर ना ही कंक्रिट का कार्य करते समय जरूरी चीजों का ध्यान रखा जा रहा है। कंक्रिट का कार्य करने के लिए मौके पर वाइब्रेटर व लेबल होना जरुरी है। कंक्रिट कार्य में एक जगह बजरी अलग दिखाई दे रही है तो रेत अलग दिखाई दे रहा है। तटबंध का कार्य देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगर अगले वर्ष यमुना में दो लाख क्युसिक पानी भी आ गया तो यह सारा कार्य ताश के पत्तों की तरह बिखर जाएगा ओर क्षेत्र के सैंकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में जाएंगे। 

इस बारे में सिंचाई विभाग के एस ई आर के मित्तल का कहना है कि बेलगढ में तटबंधों के कार्य पर विभाग के जेई की परमानेंट ड्युटी है। जेई की देखरेख में ओर समय समय पर सभी अधिकारी विजिट भी करते हैं। अगर कार्य में लापरवाही बरती जा रही है तो मौका कर जांच की जाएगी। अगर कमी पाई जाती है कार्य करने वाली एजेंसी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।