आल इंडिया मुशायरा अमिट यादें छोड़ कर  हुआ समाप्त

जिला लेखक मंच होशियारपुर द्वारा आयोजित आल इंडिया मुशायरा अमिट यादें छोड़ कर  हुआ समाप्त !

तरसेम दीवाना, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हुशियारपुर, 24      सितंबर :

जिला लेखक मंच होशियारपुर द्वारा ऑल इंडिया मुशायरा का आयोजन किया गया, जिसमें जिला लेखक मंच के संयोजक रघवीर सिंह टेरकियाना की ओर से शायरों, फनकारोँ एवं कलाकारों की उपस्थिति इस बार का प्रो. मोहन सिंह औजला पुरस्कार-2024 ललित चौबे आर्टिस्ट दिल्ली को प्रदान किया गया। इस अखिल भारतीय मुशायरे में भारत के विभिन्न प्रांतों और पंजाब के विभिन्न दिशाओं से आए शायरों ने हिंदी, पंजाबी और उर्दू में अपनी कविताएं, ग़ज़लें और गीत सुनाकर कई घंटों तक माहौल को खुशनुमा बनाए रखा।अपने-अपने कलाम पेश करने में शामिल हुए- मुहम्मद फियाज़ फारूकी, प्रो. असरार नसीमी बरेली (यूपी), डा. संदेश त्यागी (राजस्थान), डा. जावेद राही (जम्मू-कश्मीर), डा. अरुण शाहेरिया (श्री गंगानगर), डा. अंतर नीरव स्वामी (जम्मू), नरेश निसार (हिमाचल प्रदेश), एजाज़ फारूकी (इलाहाबाद), चमन लाल शर्मा (चंडीगढ़), अकील ज़िया दरियाबाद बाराबंकी (यूपी), जाहिद अबरोल ऊना, (हिमाचल प्रदेश), मंसूर आसमानी मुरादाबाद (यूपी), डॉ। नफ़्स अम्बालवी (हरियाणा), डा. जनमीत (कौलपुर), अजायब सिंह हुंदल (अमृतसर), जतिंदर पन्नू (जालंधर), प्रो. अजीत लंगेरी (माहिलपुर), जगसीर जीदा (बठिंडा), ज़मीर अली ज़मीर (मालेरकोटला), हरसिमरत कौर (लुधियाना), डॉ. मुहम्मद रफ़ी (मलेरकोटला), परमजीत सिंह विरक (पटियाला), गुरदयाल रोशन (लुधियाना), अमरजीत कौर अमर (पंजाब)मंच के संयोजक रघवीर सिंह टेरकियाना ने मंच सचिव की भूमिका अपने काव्यात्मक अंदाज में बड़े ही अनूठे अंदाज में निभाई और हर कवि की कविता पर दर्शकों ने भी तालियां बजाकर उत्साह बढ़ाया। सिर्फ उर्दू वालों को ही नहीं, हिंदी और पंजाबी वालों को भी बल्ले-बल्ले हो गई।मंच के संयोजक टेरकियाना ने कहा कि हर साल की तरह यह हमारा 12वां मुशायरा है और ऐसे कार्यक्रम आगे भी जारी रहेंगे। उन्होंने वादा किया कि आने वाले समय में मुशायरे को वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए विदेशों से भी शायरों को आमंत्रित किया जाएगा। सचमुच, इस घटना ने लोगों के मन पर अमिट छाप छोड़ी और कवियों की अच्छी कविताएँ लंबे समय तक लोगों के बीच प्रसारित होती रहेंगी।इस कार्यक्रम में जिला लेखक मंच के सक्रिय सदस्यों के अलावा प्रमुख हस्तियों ने भी भाग लिया – जिनमें मशहूर गायक तरसेम दीवाना,डा. ए.बी. भल्ला, पी.जी.आई. (चंडीगढ़), शैलजा भल्ला (पंचकूला), लेफ्टिनेंट जनरल जे.एस. ढिल्लो, क्रांति पाल (हस्तलेखन विशेषज्ञ), प्रो. अजीत सिंह जबल, रविंदर शेरगिल वकील, प्रिं. जसपास सिंह, पलविंदर पल्लव वकील, प्रो. जसवं गौतम नगर, प्रिं. अमरजीत टाटरा, लखवीर सिंह सरपंच मीरपुर, मास्टर मुकेश मुकेरिया, संदीप सोहल वकील, नरेंद्र नेशनल एथलीट, हरदयाल अरनियाला, महेंद्र पाल मुंछी, डा. मुझैल सिंह गढ़दीवाला, रिपुदमन भाटिया वकील, गायक देव हरियाणवी, मनप्रीत रैहसी आईटी ब्रेन्स, कुलविंदर चीमा, दलजिंदर यूनाइटेड वर्क्स, जसविंदर सैफ़, राजेश इनकम टैक्स वकील, पूजा कलेर एडवोकेट, अमरजीत नडालो, पवन अरोड़ा, पी.के. शर्मा वकील दसूहा, डा. हरजिंदर ओबराय, कुलविंदर सिंह जंडा, तरमेस सैनी एडवोकेट दसूहा, हरीश तिवारी एडवोकेट जालंधर, राजीव बजाज ट्रेडर्स, भगवान सिंह हरसीपिंड, महेंद्र लाल स्टेनो, इंजी. नरेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय अवार्डी कलाकार रूपन मठारू विभिन्न प्रान्तों से आये कवियों ने पंजाबियों के प्रेम की प्रशंसा की।