21 हज़ार किलोमीटर की पैदल यात्रा कर लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित कर रहे किरण वर्मा

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  13 सितंबर:

कहते हैं कि कुछ करने का जूनून हो तो लोग ही इतिहास रच देते हैं. दुनिया में ऐसे लाखों उदहारण हैं जहां लोगों ने अपनी इच्छा शक्ति से नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया. ऐसे ही एक जुनूनी शख्स हैं किरण वर्मा, जिन्होंने संसाधनों की कमी के बावजूद 21 हजार किलोमीटर से अधिक की पैदल यात्रा की. किरण को कपिल सहित कई सितारों ने सराहा दिल्ली के रहने किरण वर्मा ने 28 दिसंबर, 2021 को केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से अपनी यात्रा शुरू की थी और 21,250 किमी से अधिक दूरी तय कर , 24 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेश के 270 जिलों से होते हुए किरण चंडीगढ़ पहुंचे हैं व चाहते हैं कि दिसंबर 2025 तक 5 मिलियन ब्लड डोनर्स तैयार हो जाएं. हर कहानी के किरदार की जिंदगी में एक ऐसा लम्हा जरूर होता है जो उसे सोचने पर मजबूर कर देता है और फिर वो इंसान एक बड़ा बदलाव लाने की राह पर निकलता है. किरण बताते हैं कि ऐसी दो घटनाएं थीं जिसने उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित किया. वो कहते हैं 2016 में एक बार रायपुर की एक महिला को अपने पति के लिए ब्लड की जरूरत थी, मैंने ब्लड डोनेट किया. जब महिला से बातचीत की तो पता चला कि उसे अपने पति के इलाज और ब्लड को अरेंज करने के लिए शरीर बेचना पड़ा. वहीं दूसरी वाक़या 2017 की है जब दिल्ली के AIIMS में 14 साल का एक बच्चा एडमिट था. वक्त पर प्लेटलेट्स नहीं मिल पाने की वजह से उसने अपने पिता के सामने ही तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया. मेरे घर भी पहला बच्चा आने वाला था, तब मुझे लगा कि ये किसी के साथ भी हो सकता है और फिर मैंने एक बड़ा फैसला लिया, जिसमें मुझे मेरे परिवार ने सपोर्ट किया. ‘ब्लड नहीं मिलने की वजह से एक भी व्यक्ति की मौत ना हो’ मैंने अपनी नौकरी छोड़कर ‘सिंपली ब्लड’ नाम से NGO की शुरुआत की, जहां 2 लाख से ज्यादा ब्लड डोनर रजिस्टर्ड हैं. अब पूरे देश में ब्लड डोनेट करने की मुहिम को लेकर 21,000 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर निकल पड़ा हूं. किरण चाहते हैं कि लोग ब्लड डोनेशन को लेकर इतने जागरूक हों कि 2025 तक समय पर ब्लड नहीं मिलने की वजह से एक भी व्यक्ति की मौत ना हो. वो कहते हैं, ‘सरकार हॉस्पिटल बना सकती है. ब्लड बैंक बना सकती है, लेकिन ब्लड नहीं बना सकती. इसके लिए हमें ही आगे आना पड़ेगा.