पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता है। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, पंचांग, 24 दिसम्बर 2025

बुधवार का दिन भगवान गणेश जी को समर्पित है, जो बुद्धि, व्यापार और संचार के देवता हैं; इस दिन गणेश पूजा से जीवन के विघ्न दूर होते हैं, बुध त लाभकारी माना जाता है। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से न केवल बुध ग्रह शांत होता है, बल्कि जीवन में बुद्धि, धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। जो लोग हर कार्य में सफलता चाहते हैं, उन्हें बुधवार को गणेश जी की आराधना अवश्य करनी चाहिए। भगवान गणेश जी अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी करते हैं और उनके जीवन से विघ्नों को दूर करते हैं।

नोटः आज सांय 07.47 से पंचक प्रारम्भ हो रहे हैं, पंचक काल में तृण, काष्ठ, धातु का संचय व भवन निर्माण और नवीन कार्य तथा यात्रा आदि कर्म वर्जित होते हैं।पंचक काल में शव दाह का भी निषेध होता है।चूंकि शव को इतनी लंबी अवधि हेतु रोकना देश काल परिस्थिति के अनुसार मुश्किल हैं, अतः योग्य वैदिक ब्रह्मण की सलाह लेकर पंच पुतलों का दाह और पंचक नक्षत्रों की शांति विधि पूर्वक करानी चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मृतक व्यक्ति के परिवार व संबंधियों में से ही पॉच व्यक्तियों के अकालमृत्यु होने की आशंका बनी रहती है।
विक्रमी सवत्ः 2082,
शक संवत्ः 1947,
मासः पौष,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः चतुर्थी दोहपर काल 01.12 तक है,
वारः बुधवार ।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः धनिष्ठा (की वृद्धि है जो कि गुरूवार को) प्रातःः काल 08.19 तक है, योग हर्ष सांय काल 04.02 तक, है, करण विष्टि,
सूर्य राशिः धनु, चन्द्र राशिः मकर,
राहू कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 07.11, सूर्यास्तः 05.22 बजे।

