Saturday, June 14

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता है। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 06 जून 2025

नोटः आज निर्जला एकादशी व्रत है।  इस बार निर्जला एकादशी 6 और 7 जून 2025 को मनाई जाएगी। यह सबसे कठिन व्रत है जिसमें बिना भोजन-पानी के उपवास किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा, कथा पाठ और दान का विशेष महत्व है।

विक्रमी सवत्ः 2082, 

शक संवत्ः 1947, 

मासः ज्येष्ठ, 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः एकादशी रात्रि काल 04.59 तक है, 

वारः शुक्रवार।

नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः हस्त की वृद्धि है जो कि प्रातः काल (शुक्रवार को) प्रातः काल 06.34 तक है, योग व्यातिपात प्रातः काल 10.13 तक है, 

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः वृष, चन्द्र राशिः कन्या,

राहू कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,

सूर्योदयः 05.27, सूर्यास्तः 07.13 बजे।