पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता है। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 23 मई 2025

नोटः आज अपरा एकादशी व्रत तथा मेला भद्रकाली कपूरथला पंजाब है।
अपरा एकादशी वह व्रत है, जिसमें भक्त जाने-अनजाने में किए गए पापों के लिए भगवान से क्षमा मांगते हैं। इस दिन का व्रत और पूजन जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और सफलता लाता है। ये व्रत मन को शांति प्रदान करने वाला माना जाता है।
विक्रमी सवत्ः 2082,
शक संवत्ः 1947,
मासः ज्येष्ठ,
पक्षः कृष्ण,
तिथिः एकादशी रात्रि काल 10.30 तक है,
वारः शुक्रवार।
नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः उत्तराभाद्रपद सांयः 04.03 तक है,
योग, प्रीति सांय काल 06.36 तक है,
करणः बव,
सूर्य राशिः वृष, चन्द्र राशिः मीन,
राहू कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.30, सूर्यास्तः 07.06 बजे।