डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 23 मई :
फोर्टिस अस्पताल मोहाली के रोबोटिक सर्जरी विभाग ने उन्नत चिकित्सा देखभाल के क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए हैं। अब तक अस्पताल में दुनिया की सबसे आधुनिक 4वीं पीढ़ी की द विंची एक्सआई रोबोट तकनीक से 2,600 से अधिक सफल सर्जरी की जा चुकी हैं। बढ़ती मांग को देखते हुए और अधिक से अधिक मरीजों को न्यूनतम चीरे वाली (मिनिमली इनवेसिव) सर्जरी की सुविधा देने के उद्देश्य से, अस्पताल ने अपनी अत्याधुनिक सर्जिकल क्षमताओं में एक और डा विंची एक्सआई रोबोट जोड़ा है।
फोर्टिस अस्पताल मोहाली के विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ डॉक्टरों, जिन्होंने रोबोट-एडेड सर्जरी की है, ने यहां आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस तकनीक के लाभ साझा किए। डॉक्टरों की टीम में डॉ. अतुल जोशी (डायरेक्टर, जनरल सर्जरी, लैप्रोस्कोपिक व ऑन्कोलॉजी सर्जन), डॉ. स्वप्ना मिसरा (डायरेक्टर, ऑब्स्टेट्रिक्स, गायनेकॉलॉजी और रोबोटिक सर्जरी), डॉ. आरपी डोले (डायरेक्टर, जनरल सर्जरी), डॉ. रोहित डढवाल (कंसल्टेंट, यूरोलॉजी, एंड्रोलॉजी व रोबोटिक सर्जरी) और डॉ. कुलदीप ठाकुर (कंसल्टेंट, हेड एंड नैक ऑन्को-सर्जरी) मौजूद रहे। इन सभी विशेषज्ञों ने बताया कि किस तरह रोबोटिक सर्जरी ने जटिल बीमारियों के इलाज को पूरी तरह से बदल दिया है।
डॉ. अतुल जोशी ने बताया कि रोबोट-एडेड सर्जरी ने मिनिमली इनवेसिव सर्जरी के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इसमें विशेष कैमरे की मदद से ऑपरेशन क्षेत्र की 3डी छवि प्राप्त होती है, जिसे रोगी के शरीर में डाला जाता है। रोबोट की बाहें इंसानी हाथ से भी अधिक लचीलापन रखती हैं और ये 360 डिग्री तक घूम सकती हैं।
इसी विषय पर बात करते हुए डॉ. स्वप्ना मिसरा ने कहा कि आज रोबोट-सहायता प्राप्त सर्जरी स्त्री रोगों की लगभग सभी सर्जरी के लिए ‘स्वर्ण मानक’ बन चुकी है और इसने महिला रोगों के इलाज में नया अध्याय जोड़ा है। डॉ. मिश्रा देश में सबसे अधिक स्त्री रोगों की रोबोटिक सर्जरी कर चुकी हैं और टीआर 500 प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली एकमात्र रोबोटिक सर्जन हैं।
डॉ. आरपी डोले ने कहा कि फोर्टिस कैंसर इंस्टिट्यूट सभी प्रकार के जटिल कैंसर के इलाज की व्यापक सुविधाओं के लिए जाना जाता है। यहां पर डॉक्टर मल्टी-डिसिप्लिनरी (बहु-विशेषज्ञता) दृष्टिकोण अपनाते हैं और यह रोबोटिक सर्जरी के माध्यम से संभव हुआ है।
डॉ. रोहित डढवाल ने बताया कि हम सफलतापूर्वक रोबोटिक तकनीक से पार्शियल नेफरेक्टॉमी (ट्यूमर हटाकर गुर्दे को सुरक्षित रखना), और मूत्र मार्ग के पुनर्निर्माण जैसे पाइलोप्लास्टी, यूरेट्रिक रीइंप्लांटेशन, बोअरी फ्लैप रीकंस्ट्रक्शन और ब्लैडर डाइवर्टिकुलक्टॉमी जैसी जटिल सर्जरी कर रहे हैं।
डॉ. कुलदीप ठाकुर ने कहा कि जहां ट्रडिशनल सर्जरी में मरीज को 5-6 दिन अस्पताल में रहना पड़ता है, वहीं रोबोट-एडेड सर्जरी से रक्तस्राव कम होता है, मरीज जल्दी खाना शुरू कर सकता है, अस्पताल में कम दिन रहना पड़ता है और शीघ्र स्वस्थ होता है।