Thursday, May 22

गर्भवती महिलाओं के लिए हीटवेव बन सकती है खतरा: सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट   ने जारी की एडवाइजरी 

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  22 मई :

बदलते मौसम और जारी हीटवेव का प्रभाव अब गर्भवती महिलाओं पर भी पड़ रहा है। बढ़ते तापमान और हीटवेव अलर्ट को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से /एडवाइजरी जारी की गई है।

गर्भवती महिलाएं अत्यधिक गर्मी के प्रभावों के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील मानी जाती हैं। हीटवेव के कारण डिहाइड्रेशन (पानी की कमी), थकावट और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो अकाल प्रसव, कम वजन वाले शिशु के जन्म और भ्रूण विकास में जटिलताओं का जोखिम बढ़ा सकती हैं।

हीटवेव से होने वाला डिहाइड्रेशन प्लेसेंटा तक रक्त प्रवाह को कम कर सकता है, जिससे भ्रूण को आवश्यक पोषक तत्व और ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो जाती है। इससे समय से पहले प्रसव और नवजात के कम वजन की संभावना बढ़ जाती है।
डॉ. बबीता राजेश चौहान, सीनियर कंसल्टेंट – प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ,  ने कहा:“अत्यधिक गर्मी गर्भवती महिला के शरीर पर अनावश्यक दबाव डालती है। समय पर देखभाल और जीवनशैली में कुछ बदलाव करके गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है। पानी की मात्रा बढ़ाना, सीधे धूप से बचना, ढीले और सूती कपड़े पहनना तथा ठंडी और छायादार जगहों पर आराम करना — ये सभी घरेलू उपाय गर्मी के तनाव को नियंत्रित करने में मददगार हो सकते हैं। हालांकि, यदि किसी गर्भवती महिला को लगातार चक्कर, अत्यधिक थकावट, सूजन, सिरदर्द या भ्रूण की गतिविधियों में कमी जैसी समस्याएं महसूस हों, तो तुरंत मदरहुड  डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। समय पर ध्यान देने से गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है और माँ तथा बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।”