Sunday, May 4

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 03 मई :

डीएवी गर्ल्स कालेज में पेरेंट्स-टीचर मीट का आयोजन किया गया। कालेज की कार्यवाहक प्रिंसिपल डॉ सुरिंद्र कौर व अंग्रेजी विभाग अध्यक्ष एवं कार्यक्रम कनवीनर डॉ रीटा सिंह ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम की अध्यक्षता की। करियर साइक्लोजिस्ट एवं काउंसलर गुरमीत कौर मुख्य वक्ता रहीं।

डॉ सुरिंद्र कौर ने कहा कि छात्राओं की समस्याओं का निदान करने के लिए पेरेंट्स टीचर मीट जरूरी है। आज टेक्नोलॉजी में बहुत तेजी से बदलाव आ रहे है। उसके प्रभाव से छात्राएं अछूती नहीं है। ऐसे में टीचर्स व अभिभावकों की जिम्मेदारी ज्यादा बढ जाती है कि वे छात्राओं का ध्यान रखें। ताकि वे टेक्नोलॉजी का सही प्रकार से इस्तेमाल कर सके। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे सभी बातें अभिभावकों के साथ सांझा करें। अभिभावक भी बच्चों की भावनाओं को समझे। कालेज में पढाई के साथ सथ छात्राओं को खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित अन्य में भाग लेने का अवसर प्रदान किया जाता है। फ्री पीडियर में छात्राओं को योगा व मेडिटेशन की जानकारी मुहैया करवाई जाती है। नई एजुकेशन पॉलिसी में अभिभावकों व टीचर्स की क्या भूमिका है, इसके बारे में विस्तार से चर्चा की। साथ ही कहा कि जीवन में बुलंदियों को छूने के लिए चहंूमुखी ज्ञान जरूरी है। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे सशक्त समाज की स्थापना के लिए स्वयं सशक्त बनें।

गुरमीत कौर ने कहा कि सोशल मीडिया का अत्याधिक प्रयोग से विद्यार्थियों में भावनात्मक घुटन बढ रही है। बच्चे हीनभावना के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों को बच्चों से जुडाव, उनके साथ समय बिताना और तकनीक के साथ बैलेंस बिठाना सीखाना चाहिए। उन्होंने अभिभावकों से आह्वान किया कि वे बच्चों को स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार भी दें।

मनोविज्ञान विभाग अध्यक्ष शालिनी छाबडा ने कहा कि बच्चों के जीवन में अभिभावकांे व शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। आधुनिक परिवेश में पल रहे बच्चों के साथ अभिभावक रोजना थोडा समय जरूर बिताए। कॉलेज में छात्राएं क्या पढ व सीख रही हैं, इसके बारे में अभिभावकों को जरूर पता होना चाहिए। मौके पर डॉ अनीता मौदगिल, डॉ मीनाक्षी सैनी, डॉ नीता द्विवेदी, डॉ गुरशरन कौर, डॉ निताशा, डॉ दीपिका घई, परमेश कुमार व हरकिशन स्टडी सर्कल के डिप्टी चीफ अजिंदर पाल सिंह उपस्थित रहे।