पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 08 अप्रैल 2025

नोटः आज कामदा एकादशी व्रत एवं पूजन है। श्री लक्ष्मीकांत दोलोत्सव एवं गण्ड़मूल विचार। कामिका/कामदा एकादशी का व्रत श्री विष्णु को समर्पित सभी शास्त्रों को पढ़ने जितना ही शक्तिशाली माना जाता है । इस व्रत को करने का सबसे बड़ा लाभ वैकुंठ प्राप्ति या विष्णु लोक में मोक्ष प्राप्त करना है। इसका मतलब है कि मृत्यु के देवता यमधर्मराज भक्त की भक्ति में बाधा नहीं डालेंगे।
विक्रमी सवत्ः 2082,
शक संवत्ः 1947,
मासः चैत्ऱ
पक्षः शुक्ल,
तिथिः एकादशी रात्रि काल 09.14 तक है,
वारः मंगलवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन, मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः आश्लेषा प्रातः काल 07.55 तक है,
योग शूल सांय काल 06.10 तक है,
करणः वणिज,
सूर्य राशिः मीन, चन्द्र राशिः कर्क,
राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.07, सूर्यास्तः 06.39 बजे।