पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 31 मार्च 2025
नोटः आज श्री मत्स्य जंयती एवं गणगौरी तृतीया सूर्य रेवती में। नोटः तृतीया तिथि का क्षय है।

मां ब्रह्मचारिणी :दूसरे नवरात्र में मां के ब्रह्मचारिणी एवं तपश्चारिणी रूप को पूजा जाता है। जो साधक मां के इस रूप की पूजा करते हैं उन्हें तप, त्याग, वैराग्य, संयम और सदाचार की प्राप्ति होती है और जीवन में वे जिस बात का संकल्प कर लेते हैं उसे पूरा करके ही रहते हैं।

नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की उपासना की जाती है। मां चंद्रघंटा के सर पर घंटे का आकार का चंद्रमा है इसलिए इनको चंद्रघंटा कहा जाता है। इनके दसों हाथों में अस्त्र शस्त्र है और इनकी मुद्रा युद्ध की है।

श्री मत्स्य जंयती : हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मत्स्य जयन्ती मनाई जाती है, जो इस बार 31 मार्च को यानी आज है। इस तिथि पर विष्णुजी की पूजा मत्स्य अवतार में की जाती है। मत्स्य पुराण के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने पुष्पभद्रा नदी के तट पर मत्स्य अवतार लिया था और विश्व कल्याण किया था।

गणगौर का पर्व हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह तिथि 31 मार्च 2025 को है। गणगौर की पूजा चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। इस दौरान सुहागन और कुंवारी कन्याएं माता पार्वती और शिवजी की पूजा करती हैं और पति की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं।
विक्रमी सवत्ः 2082,
शक संवत्ः 1946,
मासः चैत्ऱ पक्षः शुक्ल,
तिथिः द्वितीया प्रातः काल 09.12 तक है,
वारः सोमवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही, शं, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः अश्विनी दोपहर काल 01.45 तक है,
योग वैधृति दोपहर काल 01.46 तक है,
करणः कौलव,
सूर्य राशिः मीन, चन्द्र राशिः मेष,
राहू कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.19, सूर्यास्तः 06.34 बजे।