जगदीश असीजा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, उकलाना, 07 फ़रवरी :
अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक टीम ने आज राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक स्कूल किनाला का भ्रमण कर यहां अपनाई जा रही शैक्षणिक गतिविधियों व प्रबंधन का अवलोकन किया। पारम्परिक रूप से किए गए स्वागत, स्कूल के शैक्षणिक स्तर, पुस्तकालय के प्रयोग, स्कूल के सुन्दर परिसर को देखकर अभिभूत हो गए। इस प्रतिनिधिमंडल में अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा संस्था व्हाट वर्क्स हब फॉर ग्लोबल एजुकेशन की तरफ से साउथ अफ्रीका की हीथर कायटन एवं मलेशिया से यू यी हुवा, उनके साथ नई दिल्ली से लैंग्वेज एवं लर्निंग फाउंडेशन की तरफ से नेहा कनोजिया, जिला एफ.एल.एन. को आर्डिनेटर मनोज गर्ग, लेंग्वेज एण्ड लर्निग फाउंडेशन से दीपक कुमार, शिल्पा, खण्ड एफ एल एन नोडल सत्यवान वर्मा, एबीआरसी प्रवीन नैन आदि रहे। स्कूल की तरफ से क्लस्टर प्रिंसिपल होशियार सिंह, इंचार्ज श्यामलाल, रमेश कुमार, सतपाल सोनी, सकिन्द्र लाम्बा सहित विद्यालय प्रंबधन समिति के सदस्य मौजूद रहे। इस दौरान स्कूल में पहुंचने पर टीम सदस्यों का स्कूल के बच्चों की तरफ से तिलक लगाकर व फूलमालाओं के साथ स्वागत किया।
इसके पश्चात टीम द्वारा सभी कक्षाओं का अवलोकन किया व शिक्षकों द्वारा करवाए जा रहे गतिविधि आधारित शिक्षण कार्य को बारीकी से देखा। इस दौरान उन्होंने कक्षा में शिक्षण में उपयोगी टी.एल.एम., किट व अन्य पाठ्य सामग्री व पाठ्य उपकरणों को देखा व उनके बारे में समझा। उन्होंने कक्षा-कक्ष वातावरण की में रूचि लेते हुए उसकी प्रंशसा करते हुए कहा कि इस प्रकार की गतिविधि आधारित शिक्षण प्रक्रिया अगर अपनाई जाए तो बच्चों को हर विषय आसानी से समझ आ जाएगा। हीथर कायटन ने स्कूल में शिक्षण प्रविधियों को देखकर गद्गद होते हुए कहा कि साउथ अफ्रीका में भी भारत जैसी ही शिक्षण व्यवस्था है लेकिन यहां की नवाचार आधारित व गतिविधि आधारित शिक्षण विधियों को हम साउथ अफ्रीका में भी लागू करने के लिए प्रयास करेंगे। उन्होंने निपुण मिशन एवं एफ.एल.एन. मिशन की प्रंशसा करते हुए कहा कि हरियाणा के स्कूलों में इसका साफ-साफ सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है। टीम द्वारा खण्ड उकलाना की पहल हर शनिवार सुलेख लेखन दिवस की जमकर सराहना की। खण्ड नोडल सत्यवान वर्मा ने बताया कि खण्ड के प्रत्येक स्कूल में शनिवार को कक्षा पहली से पांचवी के छात्र सुलेख लेखन करते है जिसका परिणाम यह हुआ कि बच्चों की लिखाई मे सुधार हुआ साथ में उनकी व्याकरण भी शुद्ध हुई।
इसके बाद टीम ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी निर्मल दहिया के साथ बैठक की तथा अपना फीडबैक उनके साथ सांझा किया। अधिकारियों से बातचीत करते हुए टीम सदस्यों ने स्कूल की व्यवस्थाओं से अभिभूत होकर कहा कि बच्चों के साथ शिक्षण कार्य व उपलब्ध संसाधनों व परिवेश में मौजूद संसाधनों का भरपूर उपयोग कर शिक्षण कार्य को रौचक व आसान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि इन प्रविधियों को अपनाने के लिए वे अन्य स्थानों पर भी अनुशंसा करेंगे। अंत में अधिकारियों ने टीम सदस्यों का आभार जताया।