- हकृवि की उन्नत किस्मों से किसान हो रहे लाभान्वित: प्रो. बी.आर. काम्बोज
- बाजरे की एचएचबी-67 संशोधित 2 किस्म का हैदराबाद की नामी कंपनी से हुआ समझौता
पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार, 29 जनवरी :
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई विभिन्न फसलों की उन्नत किस्में न केवल हरियाणा बल्कि देश के अन्य प्रदेशों में अपना परचम लहरा रही हैं। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत तकनीकी व्यवसायीकरण को बढ़ावा देने के लिए हैदराबाद की नामी बीज कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने बताया कि वैज्ञानिकों द्वारा किया गया शोध किसानों के पास तत्काल पहुंचना चाहिए। विश्वविद्यालय का प्रयास है कि इस तरह के समझौते से विकसित कि गई उन्नत किस्में व तकनीक अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाई जा सके। उपरोक्त समझौते के तहत विश्वविद्यालय द्वारा विकसित बाजरे की एचएचबी-67 संशोधित 2 किस्म का बीज तैयार कर कंपनी किसानों तक पहुंचाएगी ताकि इस किस्म का विश्वसनीय बीज उन्हें मिल सके और उनकी पैदावार में इजाफा हो सके।
इस कंपनी के साथ हुआ समझौता
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय का मुरलीधर सीड्स कॉरपोरेशन, हैदराबाद के साथ समझौता हुआ है। कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज की उपस्थिति में विश्वविद्यालय की ओर से समझौता ज्ञापन पर विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने जबकि मुरलीधर सीड्स कॉरपोरेशन की तरफ से कंपनी के सीईओ मुरलीधर रेड्डी ने हस्ताक्षर किए।
बाजरा अनुभाग के अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि एचएचबी-67 संशोधित-2 किस्म पहले वाली किस्म एचएचबी 67 संशोधित का जोगिया रोग प्रतिरोधी उन्नत रूपांतरण है। यह संकर किस्म हरियाणा, राजस्थान व गुजरात के बारानी क्षेत्रों में आम काश्त के लिए 2021 में अनुमोदित की गई थी। एचएचबी-67 संशोधित के नर जनक एच 77/833-2-202 को चिन्हित (मार्कर) सहायक चयन द्वारा जोगिया रोग प्रतिरोधी बनाया गया है। इस नई विकसित संकर किस्म एचएचबी-67 संशोधित-2 में एचएचबी 67 संशोधित के सभी गुण जैसे अतिशीघ्र पकना, शुष्क रोधिता, दाने व चारे की अच्छी गुणवत्ता, अगेती, मध्यम व पछेती बुवाई के लिए उपयुक्तता आदि विद्यमान हैं। इसके दाने व सूखे चारे की औसत उपज क्रमश: 8.0 क्विंटल तथा 20.9 क्विंटल प्रति एकड़ है। यह नई संशोधित संकर किस्म बेहतर प्रबंधन से और भी अच्छे परिणाम देती है व बाजरा की अन्य बीमारियों के रोगरोधी है।
इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा, मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. रमेश यादव, डॉ. देवव्रत, डॉ. गजराज, डॉ. रेणू मुंजाल, मीडिया एडवाइजर डॉ. संदीप आर्य, आईपीआर सेल के प्रभारी डॉ. योगेश जिंदल, डॉ. विनोद मलिक, डॉ. जितेन्द्र भाटिया, डॉ. अनुराग उपस्थित रहे।