Wednesday, January 15

डॉ अजय शर्मा के उपन्यास `खेलै सगल जगत’ का बड़े स्तर पर ऑनलाइन हुआ लोकार्पण कार्यक्रम  

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  15 जनवरी :

अखिल भारतीय साहित्य परिषद पंजाब इकाई के प्रांत अध्यक्ष प्रोफेसर सुनील कुमार ने डॉ अजय शर्मा के उपन्यास `खेलै सगल जगत’ का लोकार्पण विधिवत ढंग से मंगलवार देर शाम को आनलाइन आयोजित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्व हिन्दू परिषद् के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अलोक कुमार थे जबकि अध्यक्षता प्रो बलवंत जानी ने की।  

कार्यक्रम में विचार रखने वालों में प्रो सुनील कुमार, डॉ नीलम राठी, मनोज कुमार, वंदना वाजपेई, विनोद बब्बर और डॉ पान सिंह और डॉ विनोद कुमार शामिल थे। मंच संचालन डॉ पूनम महाजन ने बखूबी किया।

अपने संबोधन में आलोक कुमार ने कहा कि ऐसे ही मुद्दों पर उपन्यास लिखने की जरूरत है यह उपन्यास ठीक उसे समय आया है जब हमारा समाज इन्हीं मुद्दों से दो-चार हो रहा है अब समय आ गया है कि मुद्दों की तरफ ध्यान दिया जाए और उन्हें रेखांकित किया जाए।

अध्यक्षीय भाषण में बलवंत जानी ने कहा यह उपन्यास इस तरह से सनातन संस्कृति को दर्शाता हुआ है आगे बढ़ता है जैसे कोई व्यक्ति चलचित्र देख रहा हो। लेखक ने उपन्यास में कई ऐसे बिंदुओं पर काम किया है जिन बिंदुओं पर और काम करने की जरूरत है।  वैसे ऐसे मुद्दों पर उपन्यास लिखना बहुत कठिन कार्य है लेकिन डॉक्टर अजय शर्मा ने इस कठिन कार्य को बड़े सरलता और सहजता से पूरा किया है क्योंकि उपन्यास में कथा रस बराबर बना रहता है।

जानी ने कहा कि जिन बातों की अब देश को जरूरत है उन मुद्दों को डॉ अजय शर्मा ने देश के सामने अपनी कथा के माध्यम से रख दिया है। उन्होंने कहा कि कन्वर्जन इसमें बहुत बड़ा मुद्दा है जिस पर उन्होंने देश-विदेश में रहते हुए स्वयं भी बहुत काम किया है। 

डॉ सुनील ने कहा उपन्यास के माध्यम से जो आवाज डॉ अजय शर्मा ने अपने शब्दों को दी है उसकी गूँज पंजाब से बाहर जरूर गूंजेगी और यह उपन्यास अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाएगा।  

डॉक्टर नीलम राठी ने अपने वक्तव्य में कहा डॉ अजय शर्मा ने इस उपन्यास का आकार भले ही छोटा रखा है लेकिन यह उपन्यास बड़ा है। 

वंदना वाजपेई ने कहा उपन्यास को तीन स्तर पर देखा जा सकता है। इसमें फिजिकल हरासमेंट, मेंटल हैरेसमेंट और सामूहिक हरासमेंट की बात की गई है।  

डॉ विनोद कुमार ने कहा कि डॉ अजय शर्मा के पास कथा कहने की बहुत बड़ी कला है।  उपन्यासकार अपने कथा के माध्यम से बड़ी से बड़ी समस्या को उपन्यासों में दर्ज करने में माहिर है।

डॉ पान सिंह ने कहा डॉ अजय शर्मा के पास कहने के लिए बहुत कुछ है और सबसे बड़ी बात यह है कि वह अपनी बात करते हुए डरते, घबराते नहीं है और बड़ी हिम्मत और साहस के साथ अपनी बात को बड़ी शिद्दत के साथ रख देते हैं।

कार्यक्रम में लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, चंडीगढ़ सहित देश भर से साहित्यकार शामिल हुए।

इसी बीच, लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होने के बाद साहित्यकार मनोज धीमान ने कहा कि अयोध्या के आस-पास घूमते उपन्यास ने शब्दों को राममय कर दिया। उपन्यासकार ने उपन्यास में वर्षों से चल रही हिंदू-मुस्लिम राजनीति पर भी कलम चलाई है। 

चंडीगढ़ साहित्य अकादमी के पूर्व सचिव प्रेम विज ने कहा है कि उपन्यास में पंजाब के परिवेश, संस्कृति, त्यौहारों, लोक गीतों और भाषा का सुर मिलता है। कथानक रोचकता से भरपूर है।